उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कुछ दिनों पहले ही ये बात कही थी, लेकिन शायद यूपी के अधिकारियों को ये बात अभी तक नहीं सुनाई दी है.
‘हम जमीन पर बैठने वाले लोग हैं, इसलिए कोई ख़ास इंतजाम न किए जाएं. मुख्यमंत्री तभी सम्मान के योग्य होंगे, जब राज्य के लोग सम्मानित महसूस करेंगे.’
दरअसल, योगी आदित्यनाथ बीते रविवार को इलाहाबाद के स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में लोगों की समस्याएं जानने के लिए गए थे. सीएम योगी के दौरे की जानकारी मिलते ही, इलाहाबाद प्रशासन ने 20 कूलर किराए पर लेकर मरीज़ों के वार्ड में लगवा दिए, ताकि वो मुख्यमंत्री को प्रभावित कर सकें. लेकिन मुख्यमंत्री के वहां से वापस जाते ही, अधिकारियों ने कूलर हटवा लिए. उनकी इस करतूत को एक लोकल फ़ोटोग्राफ़र ने अपने कैमरे में कैद कर लिया.

अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी ने एनडीटीवी से बताया, ‘अस्पताल में 80 कूलर लगे हुए हैं. 2-3 कूलर काम नहीं कर रहे थे, इसलिए इनकी जगह पर कूलर किराए पर लिए गए थे. ये ख़बर सही नहीं है कि हमने 20 कूलर मंगवाए थे. मुझे नहीं मालूम कि मरीज क्या कह रहे हैं, लेकिन यह सच्चाई नहीं है.’
डेक्कन हेराल्ड अख़बार के अनुसार, अस्पताल में एक बलात्कार पीड़ित को जबरन छुट्टी दे दी गई, ताकि उसके मां-बाप मुख़्यमंत्री के साथ बातचीत न कर सकें.
पहले भी हो चुकीं हैं ऐसी घटनाएं
यूपी के अधिकारियों की ऐसी हरकतें कई बार सामने आई हैं. इससे पहले मुख़्यमंत्री, देवरिया में बीएसएफ़ के शहीद हेड कांस्टेबल प्रेम सागर के घर पहुंचे थे, तब भी उनके आने से पहले घर में एसी और सोफे़ लगा दिए गए थे, पर योगी के जाने के बाद उन्हें वहां से हटा दिया गया था. कुछ दिनों पहले जब योगी कुशीनगर की एक दलित बस्ती में लोगों से मिलने गए थे, तब भी उनके पहुंचने से पहले प्रशासन ने दलितों को साबुन और शैम्पू बांट कर उन्हें साफ़ सुथरा हो कर मुख्यमंत्री के सामने आने को कहा था.