देश की कई समस्याओं में से एक है Sex Trafficking. हर साल देश और पड़ोसी देशों से कई लड़कियों और बच्चों को जिस्मफ़रोशी के दलदल में धकेल दिया जाता है. कुछ बदनसीब तो अपने घर और देश कभी लौट ही नहीं पाते. इनकी हालत जानवरों से भी बद्तर होती है.
मुंबई और उसी की तर्ज पर देश के कई शहरों के होटल अपने स्टाफ़ को सेक्स Traffickers और Sex Trafficking Activities को पहचानने के लिए ट्रेन करेगी.
Thomas Reuters Foundation ने इस अनोखी पहल की शुरुआत की है. ये Foundation एक ऐसे App पर भी काम कर रही है जो होटल स्टाफ़ और लोकल पुलिस को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देगा. Rescue Me App कईयों की ज़िन्दगी बचा सकती है.
Maharashtra State Institute of Hotel Management and Catering Technology के Alumini Group के चेयरमैन Sanee Awsarmmel ने बताया,
‘जिस्मफ़रोशी के धंधे होटलों में ही पलते-बढ़ते हैं. हम पूरी तरह से इसके खिलाफ़ काम करने के लिए तत्पर हैं.’
महाराष्ट्र सरकार भी इस ग्रुप को हर संभव सहायता दे रही है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, Human Trafficking के लिए बदनाम है. नौकरी का लालच देकर देश और पड़ोसी देशों की कई लड़कियों और महिलाओं को यहां लाया जाता है और सेक्स के धंधे में ढकेल दिया जाता है.
Sanee ने बताया कि होटल स्टाफ़ को ऐसे 50 Signs के बारे में बताया जाएगा जिससे Sex Trafficking का पता किया जा सकता है. जैसे किसी कमरे में अगर कई बार चादर बदलने को कहा जाए, या किसी कमरे के बाहर कई दिनों तक ‘Do Not Disturb’ का बोर्ड लगा रहे आदि.
इसके अलावा, अगर कोई लड़की डरी-सहमी दिखे या होटल के अंदर जाने में डर महसूस करे, तो इससे भी होटल स्टाफ़ समझ सकते हैं कि उस लड़की को वहां ज़बरदस्ती लाया गया है. कई बार होटल स्टाफ़ को ये पता भी चलता है पर कोई भी उस लड़की की मदद के लिए आगे नहीं आता.
Rescue-Me App को कुछ महीनों में लॉन्च कर दिया जाएगा.
Sex Trafficking न सिर्फ़ अपने देश में बल्कि दुनिया के कई देशों में तीव्रता से बढ़ रहा है. ये छोटा सा कदम कई मासूमों की ज़िन्दगी बचा सकता है.
Source: Reuters
Feature Image Source: The Better India