कर्नाटक में ‘प्लास्टिक कचरे’ को रीसाइकल कर मकान तैयार किया गया है. इस घर का निर्माण मेंगलुरु में एक अपशिष्ट संग्राहक ने ‘प्लास्टिक फॉर चेंज इंडिया फ़ाउंडेशन’ के सहयोग से किया है.
ये फ़ाउंडेशन कर्नाटक के तटीय क्षेत्र में अनौपचारिक कचरा बीनने वालों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से काम कर रहा है. लाभार्थियों में से एक कमला का घर बनने की लागत क़रीब 4.5 लाख आई है.
संगठन की सीआईओ शिफ़रा जेकब्स ने कहा, ‘इस मकान को बनाने में 1,500 किलोग्राम प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है. जिसकी लागत करीब 4.5 लाख रुपये पड़ी है. घर का निर्माण हैदराबाद के एक कंस्ट्रक्शन पार्टनर के साथ मिलकर किया गया.’
इस घर का निर्माण एक इनोवेटिव और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ परियोजना के उदाहरण के रूप में किया गया है, जिसको बनाने की लागत भी कम है. साथ ही घर बनाने के लिए मुश्किल से रीसाइकिल होने वाले कचरे का यूज़ भी किया गया है.
The Deccan Herald के अनुसार, घर बनाने से पहले निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और उसकी मज़बूती का भी टेस्ट किया गया था, ताकि लंबे वक़्त तक घर टिका रह सके.
शिफ़रा ने बताया कि दूसरे चरण में वे 2021 में कचरा बीनने वालों के लिए 20 घर बनाने की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें 20 टन प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा. इसका इस्तेमाल शौचालय निर्माण के लिए भी किया जा सकता है.
बता दें, फ़ाउंडेशन इसके अलावा मंगलुरु के Pacchanady और Kurikatta में स्थित समुदायों के साथ शिक्षा और अन्य मोर्चे पर भी मिलकर काम कर रहा है.