जैसे ही रात के 12 बजे और कैलेंडर में 30 जून की तारीख, 1 जुलाई में बदली, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के हॉल से देश में GST लागू करने की बात कह दी. एक देश, एक टैक्स की सोच के साथ GST को लागू किया गया है. इसके लागू होते ही सबसे ज़्यादा असर व्यापारियों पर पड़ा है. एक दिन पहले तक लोगों को इसके बारे में कुछ भी साफ़ समझ नहीं आ रहा था और यही कारण था पूरे देश में GST को लेकर डर पैदा होना.
लेकिन ये भारत है दोस्त, यहां कानून बनने से पहले उसकी कमज़ोरियां खोज निकाली जाती हैं. जब हमारे यहां इतने होनहार लोग हैं, तो इससे GST कैसे अछूता रहता. देश के अलग-अलग हिस्सों के व्यापारियों ने अब इसका भी इलाज खोज लिया है. ET Now चैनल ने खुलासा किया है कि कैसे ये बिज़नेसमैन टैक्स बचाने के लिए काम कर रहे हैं.
ET Now के अनुसार सबसे पहले इसकी शुरुआत फ़ुटवेयर कंपनी और दुकानदारों द्वारा की गई है. GST के अनुसार 500 तक के फ़ुटवेयर पर 5 प्रतिशत GST लगेगा, वहीं इसके ऊपर GST की दर 18 प्रतिशत हो जाएगी. ऐसे में फ़ुटवेयर बेचने वाले दुकानदारों ने इनके अलग-अलग बिल बनाने शुरू किए हैं. अब अगर आप फ़ुटवेयर खरीदते हैं, तो दाएं और बाएं पैर, दोनों के फ़ुटवेयर का अलग-अलग बिल आपको मिलेगा.
कुछ यही हाल कपड़ों का भी है. दुकानदार कपड़ों के साथ भी अलग-अलग बिल बनाने का गेम खेल रहे हैं. अगर आप सूट खरीदते हैं, तो ब्लेज़र और पैंट के अलग-अलग बिल देख कर हैरान न हो जाएं. कपड़ों पर सरकार ने 1000 रुपये तक पर 5 प्रतिशत और इससे ऊपर 12 प्रतिशत की GST दर लगाई है. अब इससे बचने के लिए दुकानदारों ने इसका भी तोड़ ऐसे निकाल लिया है.
कई कंपनियों ने टैक्स दर को कम से कम रखने के लिए कई और तरीके अपनाए हैं. सरकार ने GST की दर को 5 प्रतिशत से 28 प्रतिशत तक रखा है. अगल-अलग सामानों पर लगने वाली दर अभी क्या-क्या और खुलासे करवाती है, ये तो देखने वाली बात होगी.
Story Source: Financial Express
Feature Image Source: lawctopus