तीन साल पहले, जब नेपाल की सुशीला थापा भारत के एक वेश्यालय से भागी थी, तब उसकी पीठ पर एक बड़ा सा दाग था. एक साल बाद, उसने ऐसा ही दाग एक अन्य औरत की पीठ पर भी देखा. जब उसने इसके बारे में पूछ-ताछ की, तो एक चौंकाने वाली बात सामने आई. ये दाग उनकी चुरायी हुई त्वचा के कारण बने थे.

उस औरत ने उसे बताया कि उसने अपनी त्वचा का 20 इंच का हिस्सा एक एजेंट को बेचा है. इसके बदले उसे 10,000 रुपये मिले, जिससे गरीबी में कुछ दिन उसका गुज़ारा हो जाएगा. उस एजेंट ने उसे बताया था कि ये त्वचा प्लास्टिक सर्जरी में इस्तेमाल होगी.

मसाज पार्लर की आड़ में पर्यटक स्थलों में वेश्यालय चलते हैं. त्वचा बेचे जाने के बाद लड़की कुरूप लगती है, तो उसे 300-500 रुपये ही मिल पाते हैं, अगर वो ग्राहक से कंडोम का इस्तेमाल करने को कहती है, तो उसे इतने भी पैसे नहीं मिल पाते. दूसरी लड़कियां एक बार के 5,000 रुपये तक कमा लेती हैं.

काठमांडू के Thamel इलाके में रात में हर तरह के काले धंधे चलते हैं. इसे देखते हुए उसे भारत के लिए Mini Las Vegas या Amsterdam कहा जा सकता है. भारतीय कस्टमर्स यहां अपनी संस्कृति का ढोंग करना भूल जाते हैं और इन कामों में लिप्त हो जाते हैं.

दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में नेपाली लड़कियों की 100 इंच त्वचा पचास हज़ार से एक लाख तक की कीमत पर बिकती है. इसके लिए जिन औरतों की त्वचा निकाली जाती है, उनसे लिखवाया जाता है कि वो अपनी त्वचा बेच नहीं रही हैं, बल्कि दान कर रही हैं.

ये त्वचा सर्जिकल प्रोसीजर में इस्तेमाल होती है. Penis Enlargement, Breast Augmentation और Lip Augmentation जैसी प्रक्रियाओं में इसे इस्तेमाल किया जाता है.

रेखा की किडनी बेचने के बाद उसे कोलकाता और मुंबई के वेश्यालयों में बेच दिया गया था. वो बताती है कि वेश्यालयों में ज़िन्दगी की कोई कीमत नहीं होती. यहां काम करने वाली लड़कियां किसी से शिकायत करने नहीं जा पातीं. जो लड़कियां क्लाइंट को खुश करने से इनकार करती हैं या भागने की कोशिश करती हैं, उन्हें मार कर गटरों में फेंक दिया जाता है और किसी को भनक भी नहीं लगती. उसके दो साल के बेटे की जीभ एक क्लाइंट ने जला दी थी, वो अब सात साल का है, पर आज भी ठीक से बोल नहीं पाता.

वो बताती है कि ‘त्वचा निकाले जाने से पहले लड़कियों को नशीला पदार्थ दे दिया जाता है. वहां ये आम बात होती है. अगर कोई क्लाइंट कुछ ऐसा करना चाहता है, जिसके लिए लड़की तैयार नहीं है और क्लाइंट पैसे देने को तैयार है, तो लड़की को नशीला पदार्थ खिला कर पलंग से बांध दिया जाता है’. कईयों को तो लगता है कि उनके शरीर पर ये निशान किसी क्लाइंट की किसी हरकत के कारण हो गया होगा.

एक एजेंट बताता है कि औरतों की तस्करी ज़्यादा की जाती है क्योंकि दारु, नशा आदि न करने के कारण उनके अंग और त्वचा बेहतर हालत में होती है.

धड़ल्ले से चल रहे इस धंधे के बारे में भारत और नेपाल का सिस्टम अब तक अज्ञान बना हुआ है. U.S. तक में यहां से त्वचा भेजी जाती है, जिसके प्रोडक्ट बना कर वापस भारत भेजे जाते हैं. अमीर लोग करोड़ों में कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए ये प्रोडक्ट खरीदते हैं. इस सब के बीच शोषण होता है उन गरीबों का, जो पैसों के खातिर अपनी खाल नुचवाने को मजबूर हैं.