आजकल मीडिया के माध्यम से हमें देश-दुनिया की अजीबो-गरीब ख़बरें देखने और सुनने को मिलती रहती हैं. ऐसी ही एक खबर है कि अफ्रीका में एक दर्दनाक प्रथा का चलन है जिसका पालन करने के बाद लड़कियों का रेप नहीं हो सकता और वो शादी से पहले गर्भवती नहीं होंगी. साथ ही कोई भी पुरुष लड़कियों पर बुरी नज़र नहीं डालेगा और वो सुरक्षित रहती हैं. अफ्रीका के कई देशों जैसे साउथ अफ्रीका, कैमरून और नाइजीरिया जैसी जगहों पर लड़कियों को रेप से बचाने के लिए एक प्रथा का पालन करना पड़ता है, जिसमें लड़कियों को असहनीय पीड़ा और दर्द से गुजरना होता है.

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क्या होती है ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ प्रथा

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कौन करता है लड़कियों की ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’

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कितनी खतरनाक है यह प्रथा?

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कैसा लगता है इस प्रक्रिया के दौरान?

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इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं?

यूनाइटेड नेशंस ने ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ प्रथा को लिंग आधारित हिंसाओं की कैटेगरी में रखा है. इस प्रथा के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए भी कोशिशें की जा रही हैं. जेक बेरी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में अपने भाषण के दौरान ‘ब्रेस्ट आयरनिंग’ प्रथा को कानूनी अपराध घोषित करने की मांग की है और साथ ही यह भी कहा है कि ब्रिटेन में अफ़्रीकी समुदाय के बीच यह कुप्रथा अभी भी कायम है. इसके अलावा अफ्रीका के कई देशों में खतना जैसी कुप्रथा भी प्रचलित है, जिसमें लड़कियों को असहनीय पीड़ा और दर्द से गुज़रना होता है.

क्या इस बुद्धिजीवी समाज में अभी भी महिलाओं को ही हर अपराध के लिए दोषी ठहराना सही है? मेरा मानना यह है कि हमारे समाज में महिलाओं को कुछ छुपाने आवश्यकता नहीं है. अगर ज़रूरत है तो वो ये कि पुरुषों को अपनी सोच बदलनी चाहिए. इस तरह की क्रूर प्रथाओं को जड़ से मिटाने के लिए हम सबको मिलकर ठोस कदम उठाने पड़ेंगे.

Feature Image Source: inkhabar