रूस के वैज्ञानिकों ने ध्रुवीय भालुओं पर एक शोध किया है. इसमें जो नतीजे सामने आए हैं वो बहुत ही भयावह हैं. क्योंकि ध्रुवीय भालुओं में अपने ही बच्चों को खाने का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है. इसके लिए सिर्फ़ इंसान ही ज़िम्मेदार है.

Russian Academy Of Sciences के वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए इस शोध के मुताबिक, ध्रुवीय भालु अब अपनी हगी प्रजाति के कमज़ोर साथियों को खाने लगे हैं. अंटार्कटिका में भोजन की कमी के होने के चलते उनके व्यवहार में ये ख़तरनाक बदलाव आए हैं.

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उनके अनुसार भालुओं के इस व्यवहार की दो वजहें हैं, एक जलवायु परिवर्तन और दूसरा है मानवीय दखल. और इन दोनों ही कारणों के लिए इंसान ही सबसे अधिक ज़िम्मेदार हैं. शोध के अनुसार, पिछले 25 सालों में हुए जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक क्षेत्र(ओबी की खाड़ी) में जमी बर्फ़ 40% तक पिघल गई है. इससे ध्रुवीय भालुओं का आवास क्षेत्र सिकुड़ रहा है, जिसके चलते उनके सामने खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. 

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भालू बर्फ़ीले पानी में पाई जाने वाली सील मछलियों को खाते थे, जिनकी तादाद इस जलवायु परिवर्तन के कारण कम हो गई है. इसलिए अब वो अपने ही बच्चों या फिर मादाओं को खाने को मजबूर हो गए हैं. इसका सबसे बड़ा कारण इस क्षेत्र में मिले प्राकृतिक गैस के भंड़ारों से गैस निकालने के लिए कई समुद्री जहाज़ों का यहां आना भी है. 

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वैज्ञानिक Ilya Mordvintsev ने इस बारे में बात करते हुए कहा- ‘ध्रुवीय भालू नरभक्षी होते थे, लेकिन लंबे समय से उनका ये रूप नहीं देखने को मिला था. पर अब अप्रत्याशित रूप से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. इसके अलावा भालुओं में खाने की कमी से आपसी लड़ाई भी बढ़ी है, जो दोनों में से किसी एक की जान ले लेती हैं. आकार और ताकत में बड़े भालू अक्सर बच्चों वाली मादाओं को निशाना बना रहे हैं.’ 

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एक अन्य शोध के मुताबिक, Polar Bears के शिकार क्षेत्रों का दायरा कम होने के चलते उनमें एक और अजीब व्यवहार देखने को मिला है. वो अब अपने शिकार को बर्फ़ में दफ़नाने भी लगे हैं. ताकि बाद में वो इन्हें खा सकें. इस प्रक्रिया को कैशिंग कहा जाता है. इन भालुओं में आया ये बदलाव भी चिंताजनक है.

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