हमारे देश में मानव तस्करी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. मासूम बच्चे, बूढ़े-जवान, लड़कियां और महिलायें सभी इसका शिकार बन रहे हैं. कई बार तो पुलिस और प्रशासन ने साथ मिलकर ऐसे कई गिरोहों का पर्दाफाश कर इसमें फंसे लोगों की जान बचाई है. लेकिन फिर भी मानव तस्करी की जड़ें दिन पर दिन फैलती ही जा रही हैं.

मानव तस्करी का शिकार हुई एक ऐसी ही लड़की के बारे में आज हम आपको कुछ बताने जा रहे हैं. इस लड़की ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिख कर अपनी आपबीती सुनाई है कि कैसे वो इसका शिकार हुई. साथ ही उसने अपील की है कि उस जैसी दूसरी लड़कियों को इस दलदल से निकालने के लिए भी कोई ठोस कदम उठाया जाए.

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महाराष्ट्र स्टेट कमीशन फ़ॉर वीमेन (MSCW) की विजया रहाटकर ने इस पीड़िता का लेटर बीते सोमवार पीएम मोदी तक पहुंचाया. रहाटकर दिल्ली में पीएम मोदी से मिली और उनकी कलाई पर रक्षाबंधन के मौके पर राखी भी बांधी.

अपने दो पेजेज़ के लेटर में पीड़िता ने लिखा कि उसे तस्करी करके लाया गया और शहर के वेश्यालय में बेच दिया गया, जहां उसने 6 साल बिताये, एक ऐसी ज़िन्दगी जो जहन्नुम से भी बदतर थी. उसने लिखा:

‘वहां रोज़ मुझे ख़ूब मारा जाता था, और मेरे साथ जानवरों से भी बुरा बर्ताव किया जाता था. मैं तो इस दलदल से बाहर निकलने की उम्मीद ही खो चुकी थी, और मुझे लगता था कि अब तो मैं मरने के बाद ही इस नरक से निकल पाऊंगी.’

हालांकि, इस महिला की किस्मत अच्छी थी, जो इसे इस काली अंधेरी दुनिया से सुरक्षित वापस निकाल लिया गया. आज ये एक अच्छी और इज्ज़त भरी ज़िन्दगी जी रही है.

उसने अपने लेटर में लिखा, ‘एक दिन मुंबई पुलिस और उसके साथ एक NGO वहां आये और उन्होंने मुझको इस दलदल से निकालकर मुझे नई ज़िन्दगी दी. मुझे पुनर्वास करने का मौका मिला और अब मैं एक गार्मेंट आउटलेट में काम कर रही हूं.’

इस महिला ने प्रधानमंत्री मोदी सेअनुरोध किया कि उसकी तरह जो दूसरी महिलायें ऐसे दलदल में फंसी हुई हैं को भी बचाया जाए और उनका भी पुनर्वास किया जाए. रक्षाबंधन के दिन मैं आपसे यही अपील करती हूं कि आप उन महिलाओं जो आपकी बहनें हैं के लिए एक ऐसे भाई की भूमिका अदा करें, जो अभी भी वेश्यालयों में नरक की ज़िन्दगी जी रही हैं, की ज़िन्दगी बचाएं.

रहाटकर, जो बीजेपी महिला मोर्चा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि उनको पूरा विश्वास है कि पीएमओ ज़रूर लेटर में लिखी हुई बातों को ध्यान में रखते हुए कोई न कोई ठोस कदम ज़रूर उठाएगा. MSCW का उद्देश्य व्यथित महलाओं के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाना है. उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि पीएमओ इसके लिए उपयुक्त कदम उठाएगा.’