देश की स्वास्थ्य सेवाएं आज भी किस दौर से गुज़र रही हैं, इसका जीता जागता मामला आगरा में देखने को मिला है. जहां पति नर्स को घूस नहीं दे पाया, तो गर्भवती पत्नी को मजबूरन सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.
इंडिया टुडे के मुताबिक़, मामला रुनकता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का है. लखनपुर निवासी श्याम सिंह पत्नी नैना को प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे पीएचसी लेकर पहुंचा. इस दौरान मौके पर तैनात नर्स सरिता सिंह ने रुपये न देने पर प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती और उसके पति को वहां से भगा दिया.
जब पत्नी की हालत ज़्यादा ख़राब होने लगी, तो श्याम सिंह ने 102 एंबुलेंस बुलवाने की मिन्नतें की लेकिन किसी ने भी उसकी बात नहीं सुनी. मायूस श्याम गर्भवती पत्नी को लेकर पैदल ही घर की ओर जाने लगा. करीब 20 मीटर चले ही थे कि नैना ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया.
इसके बाद पास के ग्रामीण महिला और बच्चे को लेकर दोबारा पीएचसी पहुंचे, तो स्टाफ़ नर्स ने फिर से महिला को भर्ती करने से इंकार कर दिया. जब लोगों हंगामा करना शुरू किया, तब जाकर उसे भर्ती कर लिया.
मामले की जानकारी जब सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स तक पहुंची, तो उन्होंने तत्काल एमओआईसी डॉ. नंदन सिंह को पीएचसी 102 एंबुलेंस भेजने के आदेश दिए. इसके बाद महिला और बच्चे को तत्काल एंबुलेंस से एस.एन. मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.
इसके बाद एमओआईसी, डॉ. नंदन सिंह ख़ुद मामले की जांच करने पीएचसी पहुंचे. इस दौरान स्थानीय लोगों का कहना था कि नर्स सरिता सिंह बिना पैसे लिए प्रसव नहीं कराती और फ़ार्मासिस्ट सोनू गोयल मरीज़ों से अभद्रता करता है. जबकि पीएचसी प्रभारी डॉ. सुप्रिया जैन भी देर से आती हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश वत्स ने कहा कि लापरवाही सामने आने के बाद नर्स की सेवा समाप्त कर दी गई है, जबकि पीएचसी प्रभारी डॉ. सुप्रिया जैन और फ़ार्मासिस्ट को भी हटा दिया है.