सरकारी कर्मचारी का नाम सुनते ही हमारे मन में सबसे पहली बात जो आती है वो है आराम की नौकरी और रिश्वतखोरी, लेकिन हर मामले में ऐसा नहीं है. इस देश में कई ऐसे सरकारी कर्मचारी या ऑफ़िसर हैं जो पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम करते हैं.
आज हम आपको एक ऐसे ही ईमानदारी ऑफ़िसर से मिलाने जा रहे हैं, जिनकी हर तरफ़ तारीफ़ हो रही है.
मामला तेलंगाना के एक सरकारी दफ़्तर का है. करीमनगर नगर स्थित बिजली विभाग के दफ़्तर में पोदेती अशोक एडिशनल डिवीजनल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. उनके दफ़्तर में प्रवेश करते ही आपको सामने ‘आई एम अनकरप्टेड’ यानि कि ‘मैं ईमानदार हूं’ लिखा हुआ मिलेगा.
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दरअसल, बिजली विभाग में अपना काम करवाने के लिए आने वाले लोगों और ठेकेदारों के घूस के ऑफ़र से परेशान होकर अशोक ने ये अनूठा तरीका अपनाया है. पोदेती अशोक बेहद ईमानदार ऑफ़िसर माने जाते हैं.
लगातार घूस मिलने से परेशान होकर अशोक ने पहले तो स्थानीय लोगों और कॉन्ट्रेक्टरों को समझाने कि वो न घूस लेते हैं, न ही लोग उन्हें घूस देने की कोशिश करें. इसके बावजूद भी जब लोग नहीं माने तो वो ये तरीका अपनाने को मज़बूर हो गए.
पोदेती अशोक के इस कदम से विभाग के करप्ट अफ़सरों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. उनके इस फ़ैसले के बाद साथी ऑफ़िसर उन्हें ये कहकर परेशान कर रहे हैं कि वो इस तरीके से बिजली विभाग को बदनाम करने का काम कर रहे हैं.
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Hindustan Times से बातचीत में अशोक ने कहा कि-
मैं बचपन से ही भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ रहा हूं. यदि मैं घूस लूंगा तो मुझे देनी भी पड़ेगी. सच कहूं तो बिजली विभाग में काफ़ी भ्रष्टाचार है. मैं लोगों से कहना चाहूंगा कि अफ़सरों को घूस न दें क्योंकि उन्हें उनके काम के लिए तनख़्वाह दी जाती है. अगर आपके काम नहीं होते हैं तो उच्चाधिकारियों से संपर्क करें या मीडिया में जाएं, लेकिन घूस न दें.
कौन हैं पोदेती अशोक?
37 साल के पोदेती अशोक ने साल 2005 में असिस्टेंट इंजीनियर के रूप में बिजली विभाग ज्वॉइन किया था. पिछले साढ़े तीन सालों में वो एडीई बने. इस दौरान उनके पास फ़ाइल और बिल पास करने को लेकर घूस के कई ऑफ़र आए, लेकिन उन्होंने घूस लेने से इंकार कर दिया था.