भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. इस दौरान मध्य प्रदेश के रेवा के रहने वाले नायक, दीपक कुमार सिंह भी शहीद हो गए थे.

दीपक सिंह के शहीद होने की ख़बर मिलते ही रीवा ज़िला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित उनके गांव के लोग शोक में डूब गए.
बताया जा रहा है कि दीपक लद्दाख स्थित अपनी पोस्ट से कुछ दिन पहले घर फ़ोन करके अपनी दादी को बताया था कि वो लॉकडाउन के बाद घर आएगा. परिवार को मालूम नहीं था कि ये दीपक के साथ उनकी अंतिम बातचीत होगी.

7 महीने पहले हुई थी शादी

PTI से बातचीत में शहीद दीपक सिंह की 85 वर्षीय दादी फूल कुमारी ने कहा कि, मैंने कुछ दिन पहले ही दीपक से बात की थी. तब उसने बताया था कि वो लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद छुट्टी लेकर घर आएगा, लेकिन अब हमें उनकी मौत की ख़बर मिली है.
दीपक की मां का कई साल पहले ही निधन हो गया था और तब से मैं उसकी देखभाल कर रही थी. दीपक बहुत ही अच्छा इंसान था. वो घर के हर व्यक्ति से बेहद प्यार करता था, इसीलिए घर में सभी लोग दीपक को बेहद पसंद करते थे. गांव के लोग भी उसका सम्मान करते थे.

शहीद दीपक सिंह के परिवार ने बताया कि भारतीय सेना के अधिकारियों ने बुधवार सुबह 8 बजे के क़रीब उन्हें दीपक की मौत की जानकारी दी. तभी से पूरे गांव में में एक निराशा की लहर दौड़ पड़ी है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद सैनिक दीपक सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करने में अनुकरणीय साहस दिखाया है और कर्तव्य के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया.
तूने सींचा है अपने लहू से वतन की मिट्टी को
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 17, 2020
वीरों की इस मिट्टी पर हम अभिमान करते हैं।
ऐ मेरे वतन के शेर तेरे जाने से चीत्कार रहा दिल
तेरे लहू के हर कतरे, तेरी शहादत को सलाम करते हैं।
भारत-चीन की झड़प में शहीद हुए रीवा के वीर सपूत दीपक सिंह के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/vism8TgPEW
जय हिन्द