भारत में कुछ भी संभव है, जो आसानी से नहीं मिलता उसके लिए जुगाड़ तो है ही. गुजरात के बाद पिछले साल बिहार में भी शराबबंदी हो गई. अब सरकार ने तो फ़ैसला ले​ लिया, लेकिन सोमरस का सेवन करने वाले ऐसे ही थोड़ी शराब छोड़ देंगे.

रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में लोगों ने शराब के लिए अलग-अलग कोड रख लिए हैं. गैरकानूनी शराब कारोबारी ‘जहांगीर, गफ़ूर, छोटा सिरप, बड़ा सिरप और नेपाल’ जैसे कोड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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ये सभी शब्द शराब के कुछ ब्रांड्स के लिए ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं ताकि खरीदने और बेचने वाले को पता चल सके कि व्यक्ति को क्या चाहिए.

पुलिस के मुताबिक, अगर कोई एक लीटर दूध की डिलवरी घर पर मांग रहा है, मतलब कस्टमर ने शराब की बड़ी बोतल मांगी है. जहांगीर का मतलब उसे Indian Made Foreign Liquor यानि IMFL चाहिए.

जहांगीर के अलावा बिहार के अररिया, जोकीहाट में लोग बैन हो चुके Codeine वाले कोरेक्स कफ़ सिरप के लिए ‘फ़खरुद्दीन’ कोड का इस्तेमाल करते हैं. ये सिरप काफ़ी नशीले होते हैं.

पुलिस ने ये भी बताया कि बिहार के फोर्बेस्गंज और जोगीबानी जैसे इलाकों में देशी शराब के लिए ‘गफ़ूर’ और ‘नेपाल’ कोड का इस्तेमाल हो रहा है. इसके लिए खरीदने वाले का नंबर सप्लायर के ​पास रजिस्टर्ड होना चाहिए और उसे सही कोड का इस्तेमाल करना है. फिर बस एक फ़ोन पर शरबा 20 मिनट में निर्धारित जगह पर पहुंच जाती है. इसके अलावा टेट्रा पैक शराब के लिए ‘फ़्रूटी’ और छोटी-बड़ी बोतल के लिए छोटा सिरप और बड़ा सिरप.