इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के सदस्यों ने आयुर्वेद डॉक्टर्स को सर्जरी करने के अधिकार दिए जाने के विरोध में भूख हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार से 50 से ज़्यादा स्थानों पर IMA चिकित्सकों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की है, जो 14 फ़रवरी तक जारी रहेगी. 

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दरअसल, सेंट्रल काउंसिल ऑफ़ इंडियन मेडिसिन (CCIM) की एक अधिसूचना के मुताबिक, आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को कुछ सामान्य तरह की सर्जरी करने की इजाज़त दी गई है, जिसका IMA के सदस्य विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे ‘मिक्सोपैथी’ की शुरुआत हो जाएगी. यानि कि एक तरह से मॉडर्न मेडिसिन और आयुर्वेद की एक खिचड़ी बन जाएगी.

IMA ने एक बयान में कहा कि, जनसुरक्षा अभियान को बढ़ावा देने के तहत एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महासचिव एवं अन्य पदाधिकारी देशभर के विभिन्न स्थानों का दौरा करेंगे. 14 फ़रवरी तक ये क्रमिक भूख हड़ताल जारी रहेगी. सात फ़रवरी को इसकी अगुवाई महिला डॉक्टर करेंगी.

बता दें, आयुर्वेद छात्रों को अब तक सर्जरी के बारे में पढ़ाया तो जाता था, लेकिन वो सर्जरी करें, इस बारे में कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं थी. अब CCIM ने नोटिफाई कर दिया है कि आयुर्वेद के डॉक्टर आंख, नाक, कान, गले (ENT) के साथ ही जनरल सर्जरी कर सकेंगे, जिसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. 

IMA ने इस फ़ैसले को अव्यवहारिक, अवैज्ञानिक और अनैतिक बताते हुए अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है. बयान के मुताबिक, फ़ेडरेशन ऑफ़ मेडिकल एसोसिएशन और डेंटल एसोसिएशन ने भी देशभर में उनके विरोध को अपना समर्थन दिया है. IMA का कहना है कि वो देशभर में जागरूकता अभियान चलाएगी क्योंकि, ये लोगों की स्वास्थ्य की सुरक्षा से जुड़ा है.