ख़तरों से हंस के खेलना, इतनी तो हम में हिम्मत है

मोड़े कलाई मौत की, इतनी तो हम में ताक़त है.
हम शरहदों के वास्ते, लोहे की एक दीवार हैं
हम दुशमनों के वास्ते, होशियार हैं तैयार हैं.  

युद्ध पर बनी बॉलीवुड की बेहतरीन फ़िल्मों में से एक ‘लक्ष्य’ फ़िल्म के एक गाने के ये बोल भारतीय सेना के जवानों के साहस और वीरता के किस्सों को बयां करने के लिए काफी हैं. 

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बीते शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में हुए एक आतंकी हमले में भारतीय सेना के कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद समेत 5 जवान शहीद हो गए थे. देश के ख़ातिर शहीद होने वाले इन सभी वीर जवानों को मंगलवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ विदा किया गया. अपने 5 वीर सैनिकों को खोने के ग़म में देश वासियों की आंखें नम हैं.     

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मंगलवार को शहीद हुए मेजर अनुज सूद का अंतिम संस्कार चंडीगढ़ के मनीमाजरा स्थित श्मशानघाट में किया गया. रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने बेटे अनुज को मुखाग्नि दी. शहीद को राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. मेजर अनुज की 3 महीने पहले ही शादी हुई थी.

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शहीद मेजर अनुज सूद तो देश के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाकर चले गए, लेकिन अपने पीछे छोड़ गए एक कभी न भूलने वाली याद. एक ऐसी याद जो देश की युवा पीढ़ी को देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी समझाने के लिए काफी है. 

3 महीने पहले शादी हुई थी मेजर अनुज और आकृति की शादी  

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दरअसल, मंगलवार को जब शहीद मेजर अनुज सूद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो इस दौरन उनकी पत्नी आकृति सूद ख़ुद को संभाल नहीं पाई. वो शहीद मेजर के कॉफ़िन के पास बैठकर काफ़ी देर तक रोती रहीं और उन्हें निहारती रहीं. 

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इस बीच ये तस्वीर जब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी तो देशवासी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए. इस दौरान लोगों ने न सिर्फ़ शहीद मेजर अनुज सूद के जज़्बे को सलाम किया बल्कि उस परिवार का भी शुक्रिया अदा किया जिसने हमें मेजर अनुज सूद जैसा वीर जवान दिया.