भारत में 4 सालों में बाघों की संख्या 33% बढ़ गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, All India Tiger Estimation Results ने बताया कि 2014 से 2018 के बीच बाघों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है.
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर ये घोषणा की गई. 2014 में ये संख्या 2,226 थी.
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मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा, 526 बाघ हैं. दूसरे नंबर पर कर्नाटक में 524 और तीसरे नंबर पर उत्तराखंड है, जहां 442 बाघ हैं.
2014 में कर्नाटक में सबसे ज़्यादा, 406 बाघ थे और मध्य प्रदेश में 308 बाघ थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर बाघों की नई संख्या रिलीज़ की.

लगभग 3000 बाघों के साथ भारत, दुनिया में बाघों के रहने के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है. विकास और पर्यावरण के बीच बैलेंस बनाना संभ है.
-नरेंद्र मोदी
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावेडकर का कहना है कि भारत में जंगल भी बढ़े हैं.
Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक, जिस तरीके से बाघों की गिनती की गई है वो कई प्रश्न खड़े करती है. पहले भी भारत के बाघों की गिनती की तकनीक पर वैज्ञानिकों ने सवाल किया है. 2004 में भारत ने Pug Mark Census Method का इस्तेमाल बंद कर दिया था. इस वजह से सरिस्का नेशनल पार्क में ख़त्म हो चुके बाघों के बारे में पता नहीं चला था.

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Wildlife Biologist, K Ullas Karanth ने 2015 में भारत के Statistical Model से ग़लत परिणाम मिलने की बात कही थी.
भारत में बाघों की गिनती के लिए Double Sampling Method का इस्तेमाल किया जाता है.
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