भारत में अक़्सर पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए जाते हैं. लेकिन राजस्थान के एक थाने ने पुलिस के प्रति लोगों की इस सोच को बदलने की कोशिश की है.

दरअसल, राजस्थान के कालू थाना को देश भर में नंबर वन रैंकिंग हासिल हुई है. बीकानेर वालों के लिए ये गर्व की बात है कि उनके ज़िले के एक थाने ने देशभर में सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल की है. इस थाने में पुलिसकर्मियों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ ही वूमन हेल्प डेस्क, पीने के पानी की सुविधा और वाई-फाई सर्विस का इंतजाम किया गया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालाय ने साल 2018 में देशभर के 15,666 पुलिस थानों से फ़ीडबैक लिया था. मंत्रालय ने अपराध को रोकने के दिशा में कदम उठाने, उचित जांच करने, मामलों का समय पर निपटारा करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने जैसे कई पॉइंट्स के आधार पर थानों को ये रैंकिंग दी है.
इन्हीं मापदंडों के आधार पर बीकानेर का कालू थाने ने देशभर में अव्वल रैंक हासिल की.

क्या है कालू थाने की ख़ासियत?
कालू पुलिस थाने की बात करें, तो यहां का परिसर आपको देश के अन्य थानों की अपेक्षा काफ़ी साफ़-सुथरा मिलेगा. इस थाने में पुलिसकर्मियों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ ही अलग से महिला हेल्प डेस्क, पीने के पानी और ऑनलाइन एफ़आईआर की सुविधा है. थाना परिसर में 8 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जिसकी लगातार निगरानी होती रहती है

हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में कालू थाने के एसएचओ गिरिधर लाल का कहना है कि यहां तैनात पुलिसकर्मियों को सख्त निर्देश हैं कि वो शिकायतकर्ताओं के साथ आदर भाव से पेश आएं. इसी क्रम में शिकायतकर्ता को पानी और चाय के लिए पूछा जाता है. कई बार जब शिकायतकर्ता दूर से आते हैं तो हम उन्हें खाना भी उपलब्ध कराते हैं.

एसएचओ आगे कहते हैं, सभी कर्मचारी सुबह 6.30 बजे ही थाने पहुंच जाते हैं. इसके बाद हमारा काम थाने की साफ़-सफाई का होता है। थाना परिसर में जहां कहीं भी गंदगी या धूल दिखती है उसे साफ़ करने की ज़िम्मेदारी सबकी होती है. कम्युनिटी पुलिसिंग हमारे थाने का मजबूत पक्ष है.

इस सूची में अंडमान निकोबार का कैंपबेल थाना दूसरे नंबर पर है. जबकि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले का फ़रक्का पुलिस स्टेशन तीसरे नंबर पर रहा.