पुलवामा आतंकी हमले में 40 से ज़्यादा सीआरपीएफ़ सैनिक शहीद हो गए. इस आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने पाकिस्तान से ‘Most Favored Nation’ (एमएफ़एन) दर्जा वापस लिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने Cabinet Committee Security (CCS) मीटिंग के बाद ये घोषणा की. इस निर्णय का असर पाकिस्तान के भारत निर्यात पर पड़ेगा.  

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एमएफ़एन क्या है? 

एमएफ़एन पैक्ट के तहत WTO(World Trade Organisation) के दो सदस्य देशों के बीच बिना किसी भेदभाव के व्यापार होता है.


भारत ने 1996 में पाकिस्तान को एमएफ़एन स्टेटस दिया था. ये दर्जा मिलने का मतलब है भारत, पाकिस्तान के साथ व्यापार में कोई भेद-भाव नहीं करेगा. WTO के नियमों के अनुसार अगर कोई देश, दूसरे देश को ख़ास दर्जा (जैसे किसी सामान पर कम कस्टम्स ड्यूटी रेट) देता है तो उस देश को बाकी WTO सदस्यों के साथ भी वही करना पड़ेगा.   

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एमएफ़एन वापस लेना का क्या होगा नतीजा? 

पाकिस्तान से एमएफ़एन स्टेटस वापस लेने के बाद भारत पाकिस्तान से आने वाले सामानों पर ज़्यादा कस्टम ड्यूटी रेट्स लगा सकता है. The Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ हद तक इस निर्णय से पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान होगा. अगर भारत सामान पर Punitive Duty लगाता है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा.


भारत और पाकिस्तान के बीच ज़्यादा व्यापार नहीं होता. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच 2 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है, जबकि 37 बिलियन डॉलर का व्यापार हो सकता है.  

पाकिस्तान भारत में फल, सिमेंट, चमड़ा, मिनरल्स आदि निर्यात करता है. वहीं भारत पाकिस्तान में रूई, केमिकल्स, प्लास्टिक, डाई आदि निर्यात करता है.  

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पाकिस्तान क्या कर सकता है? 

पाकिस्तान इस पूरे निर्णय पर कुछ नहीं कर सकता. पाकिस्तान ने भारत को एमएफ़एन दर्जा नहीं दिया है. पाकिस्तान ने 1291 सामानों का भारत से आयात बंद रखा है.


Huffington Post के अनुसार, एमएफ़एन दर्जा वापस लेने के बाद अवैध कारोबर बढ़ सकता है.