भारतीय वायुसेना वैसे तो दुश्मन के घर में घुसकर मारने की काबिलियत रखती है, लेकिन भविष्य में एयरफ़ोर्स की ये क्षमता और भी बढ़ जाएगी. कारण है अपनी मारक क्षमता के लिए मशहूर हेलीकॉप्टर Apache Guardian. इसकी पहली खेप भारतीय वायुसेना को बीते शनिवार को अमेरिका ने सौंप दी. 

Arizona में शनिवार को इंडियन एरय मार्शल ए.एस बुटोला ने इसका पहला हेलीकॉप्टर स्वीकार किया. इस दौरान अमेरिकी सेना और सरकार के कई बड़े अधिकारी भी वहां मौजूद थे. वायुसेना ने साल 2015 में अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग से 22 अपाचे हेलीकॉप्टर ख़रीदने का करार किया था. 

Apache Guardian दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू विमानों में से एक है. ये कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है. इसकी टॉप स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा है. इस हेलीकॉप्टर को रडार से पकड़ना बेहद मुश्किल है.

अपाचे हेलीकॉप्टर अपने नाइट विज़न सिस्टम की मदद से रात में भी दुश्मनों की टोह लेने, हवा से ज़मीन पर मार करने वाले रॉकेट दागने में सक्षम है.

वायुसेना के अनुसार, इसे उनकी डिमांड के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है. ये पर्वतीय क्षेत्रों में भी आसानी से उड़ान भर सकता है. भविष्य में सेना के किसी भी ऑपरेशन को वायुसेना तेज़ी से अंजाम तक पहुंचा पाएगी. भारत अपाचे का इस्तेमाल करने वाला 14वां देश होगा.  

वायुसेना के अनुसार, इसके बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में काफ़ी इजाफा हो जाएगा.