सोमवार को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो गई है. भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर को ‘वैश्विक ग़रीबी ख़त्म करने के प्रयोग’ के उनके शोध के लिए संयुक्त रुप से नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. 

इसके साथ ही 46 वर्षीय एस्थर डुफ्लो नोबेल पुरस्कार जीतने वाली सबसे युवा बन गई हैं. फ़्रेंच-अमेरिकन एस्थर ‘मेसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी’ में प्रोफ़ेसर हैं. भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी भी ‘मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी’ में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर हैं. जबकि अमेरिकी मूल के माइकल क्रेमर भी ‘हावर्ड यूनिवर्सिट’ में प्रोफ़ेसर हैं. 

नोबेल पुरस्कार की 9 मिलियन डॉलर की राशि तीनों अर्थशास्त्रियों के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी. 

कौन हैं अभिजीत बनर्जी? 

भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी का जन्म 21 फ़रवरी, 1961 को कोलकाता में हुआ था. अभिजीत वर्तमान में ‘मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी’ में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर हैं. 

58 वर्षीय अभिजीत बनर्जी ने साल 1981 में ‘कोलकाता यूनिवर्सिटी’ से बीएससी किया था, जबकि 1983 में ‘जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी’ से अर्थशास्त्र में एमए किया था. इसके बाद साल 1988 में उन्होंने ‘हार्वर्ड यूनिवर्सिटी’ से पीएचडी की.   

अभिजीत ‘अब्दुल लतीफ़ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब’ के सह-संस्थापक हैं. इसके अलावा वो ‘कंसोर्टियम ऑन फ़ाइनेंशियल सिस्टमस एंड पॉवर्टी’ के सदस्य भी हैं. अभिजीत बनर्जी की एस्थर से ये दूसरी शादी है. एस्थर ‘अब्दुल लतीफ़ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब’ की को-फ़ाउंडर हैं.

अभिजीत बनर्जी की मां निर्मला बनर्जी कलकत्ता के ‘सेंटर फ़ॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज’ में अर्थशास्त्र की प्रोफ़ेसर रह चुकी हैं. जबकि उनके पिता दीपक बनर्जी कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के हेड रह चुके हैं.

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा करते हुए ‘रॉयल स्वीडिश एकेडमी‘ ने कहा कि, तीनों अर्थशास्त्रियों ने अपने प्रयोगों से डेवलेपमेंट इकॉनोमिक्स को पूरी तरह से बदल दिया है. अब ये एक रिसर्च का क्षेत्र बन गया है. 

14 अक्टूबर तक कुल छह क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कारों का ऐलान किया जाएगा. इस दौरान स्वीडिश अकेडमी साल 2018-19 के लिए साहित्य नोबेल पुरस्कारों की घोषणा करेगी. सभी नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित कार्यक्रम में मेडल प्रदान किए जाएंगे. 

बता दें कि ‘नोबेल पुरस्कार’ हर साल स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ़्रेड नोबेल की स्मृति में दिया जाता है. इसकी शुरुआत 1901 में हुई थी. नोबेल चिकित्सा, भौतिकी, रसायन, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाता है. 

अभिजीत बनर्जी व उनकी पत्नी को सोशल मीडिया पर इन भारतीय हस्तियों ने शुभकामनायें दी-