भारतीय सेना हर वक़्त अपने फ़र्ज को निभाने के लिए तैयार रहती है. फिर वो सरहद पर देश की सुरक्षा हो, या आपातकाल में देश के लोगों की हिफ़ाज़त. हर बार खुद को जोखिम में डाल कर भारतीय सेना के जवान हमें मुसीबत से निकालते आए हैं. एक बार फिर इसकी मिसाल दिखी कश्मीर में, जहां बाढ़ से पीड़ित लोगों को जवानों ने सही सलामत निकाला है.

साल 2014 की तरह एक बार फिर घाटी भारी बारिश और बाढ़ से ग्रसित है. पिछली बार सेना ने यहां से करीब 2 लाख लोगों को बचाया था और इस बार भी लोगों की आस भारतीय सेना पर ही है. झेलम का पानी लगातार बारिश के कारण बढ़ता जा रहा है, जिससे श्रीनगर और उसके आस-पास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हज़ारों जानें इस मुसीबत में फसी हैं.

ऐसे में सबसे विश्वसनीय संगठन, भारतीय सेना को सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है. इस इलाके में रह-रह कर बर्फ़बारी और बारिश हो रही है, जिससे यहां के हालात और भी ख़राब हो गए हैं. सेना को भी इस कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

श्रीनगर के हालात इस कदर ख़राब हैं कि स्कूल और सारे सरकारी ऑफ़िस बंद कर दिए गए हैं. हॉस्पिटल्स को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.

भारतीय सेना पूरी ताकत से लोगों को बचाने में लगी हुई है. हर रोज़ ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. 

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