हैदराबाद…नाम सुनते ही दो चीज़ें आंखों के सामने आती है, एक हैदराबादी बिरयानी और चारमिनार. ये हैदराबाद का अच्छा पहलू है. हैदराबाद का एक और दिल दहला देने वाला पहलू सामने आया है.

ये है पूरा मामला:पुलिस ने पिछले महीने हैदराबाद में एक घिनौने रैकेट का पर्दाफ़ाश किया. इस रैकेट में ओमान और दुबई के रईस, भारत में अपने Stay के दौरान, नाबिलग मुस्लिम बच्चियों से शादी करते और फिर वीज़ा ख़त्म होने पर लौट जाते.
शादी के वक़्त ही शेख़ तलाक के कागज़ात पर दस्तख़्त कर देते. जब शेख देश छोड़ देते तो ये कागज़ात उनकी पत्नियों को दे दिया जाता.

ऐसी शादियां बड़ी ही सफ़ाई से करवाई जाती. नकली दस्तावेज़ बनवाए जाते जिसमें लड़कियों की असल उम्र छिपाई जाती. ऐसी शादियां करवाने वाला काज़ी भी अब पुलिस हिरासत में है.
पुलिस का मुख़बिर बन चुका हाजी ख़ान, हैदराबाद की गलियों में घुम-घुमकर बेचे जाने लायक लड़कियों को तलाशता था. Gulf देशों से आने वाले पुरुष, हर लड़की की क़ीमत अदा करते थे. क़ीमत भी तय थी, 10000 रुपये…
हाजी दो तरह की Deals करता था,
1. पक्का- यानि की असल शादी, जिसमें लड़की को उसका पति वापस अपने देश ले जाता.2. Time Pass- ऐसी शादी जो सिर्फ़ तब के लिए ‘Valid’ हो, जब तक पति भारत में है.
हाजी ने बताया,
हम हर अरबी के लिए होटल में 20-30 लड़िकयां इकट्ठा करते थे. अरबी इनमें से एक को चुनता. रिजेक्ट की हुई लड़कियों को घर वापस जाने के लिए 200 रुपये दिए जाते.

हाजी ने Thomson Reuters Foundation को बताया,
आदमी नई दुल्हनों के लिए पुराने कपड़े, साबुन, गाउन वगैरह लाते. ज़्यादातर शादियां Time Pass वाली ही होती थी.
पूरे मामले की छानबीन कर रहे डिप्टी कमीश्नर वी.सत्यनारायण ने बताया,
ज़्यादातर लड़कियों को ये पता नहीं होता कि शादी के 15-20 दिनों बाद ही उन्हें तलाक दे दिया जाएगा. अरबी टूरिस्ट वीज़ा पर आते, कॉन्ट्रैक शादी करते और महीने भर बाद लौट जाते.
पुलिस ने ये भी बताया कि जिन दुल्हनों को उनके पति अपने साथ लेकर जाते उन्हें घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता या फिर Sex Slave बना दिया जाता.

पिछले महीने 30 पुरुषों को जिस्मफ़रोशी और मानवतस्करी के जुर्म में गिरफ़्तार किया गया. इन 30 लोगों में दलाल, काज़ी, होटल के मालिक और ओमान, कतर के दूल्हे शामिल थे. इनके अलावा 14 लड़कियों को भी बचाया गया. इन सब की उम्र 18 वर्ष से कम थी. इनमें से 50 फीसदी लड़कियों खुद इसकी भुक्तभोगी थी.
सत्यनारायण ने आगे बताया,
हैदराबाद में कॉन्ट्रैक Marriages सालों से हो रही हैं. लेकिन अब ये एक सुव्यवस्थित व्यापार का रूप ले चुका है. इसमें दलाल और काज़ी भी शामिल हैं. लड़कियों को भी लगता है की वे बुर्ज ख़लीफ़ा देखेंगी, ऐशो-आराम की ज़िन्दगी गुज़ारेंगी. उन्हें शादी के अंजाम का अंदाज़ा भी नहीं होता.
दलालों के अनुसार ईद के बाद का मौसम दुल्हनों की ख़रीद के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय Gulf से बहुत से टूरिस्ट आते हैं. असल में 19वीं शताब्दी के समय हैदराबाद के निज़ाम ने सऊदी अरब और ओमान से सैनिक हायर किए थे. उन्हीं सैनिकों के वंशज आज भी हैदराबाद में बसते हैं. 80-90 के दशक में सऊदी के कई पुरुषों की शादी हैदराबाद में उनके रिश्तेदारों के घर हुआ करती थी.
इसी ने बाद में बिज़नेस की शक़्ल ले ली.
इस तरह की शादी की एक पीड़िता ने बताया,
मैं 14 साल की थी जब मेरे पड़ोसी ने बताया कि अरब से एक अमीर लड़का दूल्हन ढूंढ रहा है. हम जब उससे मिलने गए तो हमें मालुम हुआ कि वो कोई लड़का नहीं बल्कि उसकी उम्र 62 साल की थी. लेकिन ब्रोकर ने मुझे ये कहकर मना लिया की शादी के बाद मेरी ज़िन्दगी बदल जाएगी. मुझसे ये भी कहा कि शादी के बाद मेरे माता-पिता को भी ऐशो-आराम की ज़िन्दगी मिलेगी.

पीड़िता के पति ने लड़की की मां को शादी के बाद 30 हज़ार रुपये दिए. काज़ी और ब्रोकर को भी 50 हज़ार रुपये दिए. उस आदमी की 5 दिनों में ये दूसरी शादी थी.
पीड़िता को जब छुड़ाया गया तब वो अपने पति के साथ 1 दिन होटल में बिता चुकी थी. इस आदमी की पहली बीवी(नाबालिग) ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद उसे छुड़ाया जा सका.
पीड़िता ने फिर से स्कूल जाना शुरू कर दिया है और वो 11वीं कक्षा में पढ़ रही है.
ऐसी ना जाने कितने ही नाबालिग लड़कियों को अमीर शेखों ने अपनी हवस का शिकार बनाया होगा. हम उम्मीद करते हैं कि इस पूरे रैकेट से जुड़े सभी लोगों को सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए.