डिजिटल होना सरकार और जनता दोनों के लिए हितकारी है. आजकल देश में कई समस्याओं का समाधान एक ट्वीट से होते देख कर बड़ा सुखद एहसास होता है. वर्तमान सरकार में कुछ मंत्री ऐसे हैं, जो डिजिटली बहुत एक्टिव हैं और तुरंत जनता को रिस्पोंस देते हैं. सुषमा स्वराज और सुरेश प्रभु ये लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने Tweet के ज़रिये कई लोगों की मदद की है. सुरेश प्रभु ने रेलवे की वाकई कायापलट कर दी है. सुस्त और बिना लगाम के चलने वाला रेलवे प्रशासन अब लोगों की मदद करने लगा है. अब इसी घटना को देख लीजिये. एक दम्पति अपने पांच माह की बच्ची को लेकर गुजरात से तिरुनेलवेली जा रहे थे. जब बच्ची को भूख लगी, तब दम्पति को एहसास हुआ कि दूध तो गर्म तापमान के कारण ख़राब हो चुका है.
This baby needs milk, baby traveling with her parents in @KonkanRailway ,’s Happa express , please contact Sneha Bapat traveling with them pic.twitter.com/ktkJq3VwFB
— Anagha Nikam- Magdum (@meanagha) March 12, 2017
तभी उनकी एक सहयात्री नेहा बाजपट ने कोंकण रेलवे को ये समस्या बताई. इसके थोड़ी ही देर बाद बच्ची कार्तिकी के लिए दूध का इंतज़ाम कर दिया गया. इससे पहले जब दम्पति को दूध ख़राब होने के बारे में पता चला, तो वो भाग कर पैंट्री गये. पर वहां भी दूध खत्म हो चुका था और अगला स्टेशन रत्ना गिरी आने में बहुत समय था. लेकिन इसी दौरान कोंकण रेलवे ने तुरंत रिप्लाई कर उनकी सहायता करने का आश्वासन दिया.
देखिये नेहा और रेलवे में कैसे Tweets के ज़रिये बात हुई और बच्ची को दूध मिल गया.
@meanagha pl share pnr.
— Konkan Railway Corp (@KonkanRailway) March 12, 2017
@KonkanRailway this is generally bogie ticket pic.twitter.com/D4zIhb9HSf
— Anagha Nikam- Magdum (@meanagha) March 12, 2017
@meanagha noted. will try to arrange
— Konkan Railway Corp (@KonkanRailway) March 12, 2017
@meanagha milk arranged at Kolad station, please come out of coach at Kolad stn.
— Konkan Railway Corp (@KonkanRailway) March 12, 2017
Kartiki is so lucky, she got milk in running Happa express, Thank you @KonkanRailway @sureshpprabhu pic.twitter.com/YC1x1BM77L
— Anagha Nikam- Magdum (@meanagha) March 12, 2017
कोलाड स्टेशन पर दम्पति को दूध का एक पैकेट दे दिया गया. डिजिटल इंडिया भले ही हमारे देश के लिए दूर का ढोल हो, पर है ये बड़ा मददगार. कार्तिकी जैसे कितने बच्चे भूखे नहीं रहेंगे, तो जनता को इन विभागों से लगाव बढ़ता जायेगा. बस एक अनुरोध है आपसे कि इस सेवा का दुरूपयोग न करें.