अपने दो दशक के करियर में भारतीय रेलवे के स्टेशन मास्टर अनिल कुमार शुक्ला ने यात्रियों की कई तरह से मदद की है. अब उनकी उपलब्धियों की सूची में एक और उपलब्धि जुड़ गयी है. उन्होंने मल से किसी की सोने की चेन ढूंढ निकाली है.
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शुक्ला इस वक़्त येओला स्टेशन में पोस्टेड हैं, जो शिरडी से 35 किलोमीटर की दूरी पर है. उन्हें 16 जुलाई को एक कॉल आई थी कि एक यात्री की सोने की चेन टॉयलेट में गिर गयी है.
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उन्होंने बताया कि यात्री ने ट्रेन रुकवा दी थी और वो चाहता था कि उसकी चेन खोज कर उसे दी जाये. ये चेन लगभग 50 ग्राम की थी.
चेन खोने वाले यात्री डॉक्टर चवन पाटिल थे, जो कि एक सर्जन हैं. चेन की कीमत लगभग डेढ़ लाख है. चेन खोने के वक़्त वो वो महाराष्ट्र एक्सप्रेस में सफ़र कर रहे थे. शर्ट बदलते वक़्त उनसे टॉयलेट में चेन गिर गयी थी.
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उन्होंने ट्रेन की चेन खींची, जिसके बाद स्टेशन मास्टर और गार्ड आये. उन्होंने बताया कि ट्रेन में बायोटेक टॉयलेट है, जिसे कोल्हापुर स्टेशन पर सफ़ाई कर्मचारियों द्वारा ही खोला जायेगा.
इसके बाद वो फल्टन स्थित अपने घर चले गए. 18 जुलाई को उनकी बेटी ने रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु को ट्वीट कर के मदद मांगी. उन्हें दस मिनट के अन्दर ही जवाब दे दिया गया कि उनकी मदद ज़रूर की जाएगी. आधे घंटे में उनके पास चेन के बारे में पूछने के लिए कॉल आ गया. डॉक्टर पाटिल को अगले दिन कोल्हापुर स्टेशन बुलाया गया.
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वहां जाकर उनको पता चला कि ट्रेन में टॉयलेट बायोटेक नहीं, नार्मल टॉयलेट था. यानि ट्रेन येओला स्टेशन पर ही थी. इसके बाद मामला दोबारा अनिल कुमार शुक्ला को सौंपा गया.
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इसके बाद उन्होंने दो किलोमीटर के एरिया को खंगाला और चेन ढूंढने की कोशिश की. उस दिन बारिश होने के कारण इस काम में और मुश्किल आ रही थी. किसी तरह उन्होंने पत्थरों में चेन ढूंढ निकाली. चेन मल में सनी हुई और गन्दी थी. इसे साफ़ करने के बाद चेन डॉक्टर पाटिल को सौंप दी गयी.
इस सब में तीन दिन का वक़्त लगा, लेकिन रेलवे ने इस काम से यात्रियों का भरोसा ज़रूर जीत लिया.