कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन 3.0 जारी है, जो 17 मई को समाप्त होगा. ऐसे में लोग सोच रहे होंगे कि इसके बाद की ज़िंदगी कैसी होगी? क्या वो वैसे ही ऑफ़िस/काम धंधे पर जा सकेंगे जैसे पहले हुआ करता था. लाइफ़ का तो पता नहीं पर हां ऑफ़िस के बारे में ज़रूर हम आपको कुछ बता सकते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि 93 फ़ीसदी लोग लॉकडाउन के बाद फिर से ऑफ़िस जाने को लेकर आशंकित हैं.  

ये हम नहीं, MindMap Advance नाम कि कंपनी द्वारा कराए गया एक सर्वे कह रहा है. इस कंपनी ने हाल ही में लॉकडाउन के बाद ऑफ़िस खुलने को लेकर एक सर्वे करवाया था. इसके मुताबिक, 93 फ़ीसदी लोग कोरोना संक्रमण के ख़तरे को लेकर तनाव में हैं. वहीं 85 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि दोबारा ऑफ़िस खुलने से पहले उन्हें अच्छी तरह सैनिटाइज़ किया जाए. 

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ये सर्वे 560 छोटी-बड़ी कंपनियों के कर्मचारियों के बीच करवाया गया था. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों की मल्टीनेशल कंपनियां भी इसमें शामिल हैं. इसमें शामिल 85 फ़ीसदी लोग पुरुष और 15 फ़ीसदी महिलाएं हैं. इसके डाटा के अनुसार, 59 प्रतिशत कर्मचारी अपनी हेल्थ, 25 फ़ीसदी आर्थिक स्थिति और 16 प्रतिशत लोग इस आपदा के लंबे समय तक चलने को लेकर तनाव में हैं. 

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हालाकिं, इस सर्वे में ये भी सामने आया है कि कर्मचारी अपने नियोक्ताओं के साथ सहयोग करने को भी तैयार हैं. 99 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वो चाहते हैं कि सभी नियोक्ता Corporate Health Responsibility(CHR) नाम का एक सिस्टम लेकर आएं. ताकि कर्मचारियों का स्वास्थ्य उनके लिए प्राथमिकता बने.

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इसके लिए वो कंपनियों द्वारा बनाए गए हेल्थ संबंधी कड़े नियमों को मानने के लिए भी तैयार हैं. 96 प्रतिशत लोग इस दौरान होने वाली सभी असुविधाओं को भी झेलने को तैयार हैं. 81 फ़ीसदी लोग चाहते हैं कि एक-एक बैच के रूप में काम फिर से शुरू किया जाए. वहीं 73 प्रतिशत का कहना है कि वो वर्क फ़्रॉम होम जारी रखना चाहेंगे.  

आप क्या करना चाहते हैं, वर्क फ़्रॉम होम या फिर बैक टू ऑफ़िस? कमेंट कर हमसे ज़रूर शेयर करें. 
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