उद्घाटन के ठीक अगले ही दिन भारत की सबसे तेज़ ट्रेन, वन्दे भारत एक्सप्रेस में आज सुबह तकनीकी गड़बड़ी आ गयी. अपने Inaugural Run पर वाराणसी से वापस आते हुए, दिल्ली पहुंचने से लगभग 200 KM पहले ये गड़बड़ी हुई.


सुबह 5 बजे के आस-पास कुछ डिब्बों में लाइट चली गयी और ट्रेन 10km/hr की सुस्त रफ़्तार से रेंगते हुए चमरोला स्टेशन पर जा कर रुकी. सवारियों को दूसरी ट्रेन में शिफ़्ट कर के उनकी तक मंज़िल पहुंचाया गया. 

इंटरनल सिस्टम फ़ेल होने के कारण ट्रेन में बदबू और हलका धुआं भी फैल गया. वहीं पहियों में डिपॉज़िट की वजह से ब्रेकिंग सिस्टम भी जाम हो गया. 

ट्रेन स्टाफ़ का कहना है कि रफ़्तार बढ़ने पर ट्रेन से ज़ोर-ज़ोर की आवाज़ आ रही थी. इसी के चलते AC के कंट्रोल्स भी काम करना बंद कर गए. तीन घंटे बाद, 8:15 पर वन्दे भारत एक्सप्रेस फिर से चली. मरम्मत के लिए ट्रेन को 40km/hr की गति से दिल्ली लाया गया. 

हालांकि वन्दे भारत एक्सप्रेस अपने ट्रायल रन में 7000km का रास्ता सफ़लतापूर्वक तय कर चुकी थी और सभी सेफ़्टी क्लीयरेंस भी प्राप्त हो गए थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाने के अगले दिन ऐसी तकनीकी गड़बड़ी होना बेशक चिंताजनक है. 


रेलवे ने इस घटना के पीछे मवेशियों के आने की संभावना जताई है लेकिन जो तकनीकी गड़बड़ियां सामने आयी हैं, उनसे तो इस वजह का कोई लेने-देना लग नहीं रहा. रेल मंत्री पियूष गोयल ने शुक्रवार को बयान देते हुए कहा था कि वन्दे भारत एक्सप्रेस की सकारात्मक प्रतिक्रिया द्वारा वो काफ़ी प्रोत्साहित हुए हैं. इसके चलते उन्होंने ऐसी 100 और ट्रेनों का ऑर्डर दिया है, जो कम दूरी वाले रास्तों पर चल सकें.

निश्चित रूप से वन्दे भारत एक्सप्रेस जैसी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ने देशवासियों में बेहतर रेल यात्रा की कई उम्मीदें जगाई हैं. ऐसे में और ट्रेनों के उत्पादन से पहले इनका फ़ुल-प्रूफ़ चेक होना बेहद ज़रूरी है.