पिछले हफ़्ते जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के सेना पर हुए अभी तक के आतंकी हमलों में सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. पूरे देश में इस हमले के बाद से आक्रोश का माहौल है. हर देशवासी इस हमले में शहीद हुए जवानों के लिए न्याय के रूप में बदला मांग रहा है.
अब एक और ख़बर आ रही है कि इस हमले के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद देश के अन्य हिस्सों में भी इससे भी बड़े हमले की साजिश रच रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश और दुनिया की कई ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इसके मद्देनज़र सुरक्षा की दृष्टि से अलर्ट भी जारी किया है. TOI के मुताबिक़, बीती 16-17 फरवरी को आतंकी संगठन जैश के सरगना और कश्मीर में मौजूद उसके साथी आतंकियों के बीच हुई बातचीत के जरिए ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इस हमले का अंदेशा जताया है.
TOI को मिली जानकारी के अनुसार, इस आतंकी संगठन के सदस्य भारत में एक और बड़ा हमला कर बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों को निशाना बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. बीते बुधवार को एक अधिकारी ने बताया, अलग-अलग जगहों से मिल रही जानकारी से ऐसा लग रहा है कि जैश जम्मू-कश्मीर या इससे बाहर कहीं बड़े हमले की तैयारी में जुटा है.
गौरतलब बात ये है कि सैन्य गुप्त सूचनाओं के आधार पर TOI ने इसी 19 फरवरी को अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि बीते दिसंबर महीने में जैश के करीब 21 आतंकियों ने कश्मीर में घुसपैठ की थी. और ये आतंकी कश्मीर घाटी के साथ-साथ तीन अन्य बड़ी जगहों पर बड़े हमलों को अंजाम देने की मंशा से भारत में घुसे हैं.
TOI के मुताबिक़, जैश सरगना और आतंकियों की बातचीत में ये बात भी सामने आई है कि पुलवामा अटैक का एक वीडियो बनाया गया है. इस वीडियो में पुलवामा हमले के आत्मघाती हमलावर, आदिल अहमद डार को नायक के रूप में दिखाया गया है. मनोविश्लेषकों का मानना है कि इस वीडियो के जरिए घाटी में जैश के लिए युवा आतंकियों की फ़ौज तैयार करना आसान होगा. ये युवा इस वीडियो से प्रेरित होकर मानव बम बनने के लिए तैयार हो सकते हैं और जैश के इस मंसूबे को सफ़ल बनाने में योगदान कर सकते हैं.
जहां एक तरफ पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी फिलहाल इस बातचीत को आतंकियों की एक मनोवैज्ञानिक चाल मान रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ़ पुलिस का ये भी कहना है कि वो इसे लेकर गंभीर भी हैं और पूरी तरह अलर्ट हैं ताकि आगे पुलवामा जैसी कोई और घटना न घटित हो.