जब मिशन चंद्रयान 2 अपनी प्रगति पर था, देश-दुनिया में इसरो की बातें हो रही थीं. तब ज़रूर कुछ बच्चे इस संस्था से जुड़ कर देश को गौरवान्वित करंगे. लेकिन जो इस संस्था से जुड़ने की चाहत रखते हैं, उनके दिमाग़ में दूसरा ख़्याल ये भी आएगी कि इसरो के वैज्ञानिक की आमदनी कितनी होती होगी.
इसरो के वैज्ञानिक और कर्मचारी को वाजिब मेहनताना मिलता है. हालांकि इस काम से मिलने वाली संतुष्टी की तुलना पैसों से नहीं की जा सकती लेकिन हर पेशे का एक पक्ष सैलरी भी होती है.
Quartz India के आंकड़ों के अनुसार एक व्यक्ति के पास इसरो में कई तरह के काम होते हैं, जिसके लिए औसतन लोगों को 1.5 लाख से लेकर 6.12 लाख प्रति वर्ष प्रदान किया जाता है.
उदाहरण के तौर पर, टेक्निकल असिस्टेंट जो मशीनों की देख-रेख करते हैं, उन्हें सालान औसतन 2.36 लाख से 6 लाख प्रदान किया जाता है.
औसत कमाई को देख कर यह कहा जा सकता है कि इसरो के कर्मचारी मोटी कमाई तो नहीं कर रहे हैं. एक साधारण कंपनी के मध्यम दर्जे पर काम करने वाले व्यक्ति भी औसतन इतने पैसे ही कमाते हैं.
The Wire के अनुसार, इस साल सितंबर महीने में इसरो के वैज्ञानिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे क्योंकि, उनकी तनख्वाह से 10 हज़ार रुपये कम कर दिए गए थे.
शुरुआती स्तर पर सबसे ज़्यादा मेहनताना प्रति महीने 81,195 रुपये मिलते हैं. इसमें बेसिक पे, यातायात या अन्य किस्म की मिलने वाले अलाउंस जुड़े हुए हैं.
जो व्यक्ति IIT या उससे बड़ी संस्थानों से पढ़ने के बाद इसरो के साथ जुड़ता है उसे प्रति वर्ष 9 से 12 लाख रुपये वेतन दिया जाता है.
Freshers Live के अनुसार, इसरो में अभी 94 पद रिक्त हैं. उन्हें 3 प्रोजेक्ट ट्रेनी, 1 रिसर्च ओसोसिएट और 90 बी लेवल टेक्नीशियंस की ज़रूरत है.