भारत में प्रतिदिन 96 हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आ रहें हैं और लगभग 1200 लोग रोज़ मर रहें हैं. भले ही ये मुद्दा आजकल मेनस्ट्रीम में न हो, फिर भी स्थिति बहुत गंभीर है. हालात इतने बुरे हैं कि हॉस्पिटल में बेड और सही इलाज़ नहीं मिलने के कारण कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टर्स काल की गाल में समा रहें हैं. 

इसी कड़ी में जयपुर, राजस्थान के डॉक्टर दिनेश जिंदल का नाम जुड़ गया है. वो जयपुर के जाने-माने सर्जन थे और सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल में वरिष्ठ प्रोफ़ेसर रह चुके थे. 8 सितम्बर से एक प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज़ चल रहा था.

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टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ Private Hospitals and Nursing Homes Society (PHNHS) का कहना है कि जिंदल सितम्बर की शुरुआत में कोरोना पॉज़िटिव पाए गए थे और शुरुआत में उन्हें किसी Covid-19 डेडिकेटेड हॉस्पिटल में बेड नहीं मिला. 16 सितम्बर को उन्होंने अपनी आख़री सांसें ली.

IMA के मुताबिक़ भारत में अबतक 382 डॉक्टर्स की जान कोरोना के चलते जा चुकी है. कुछ दूसरे आंकड़ो की माने तो 500 से ज़्यादा डॉक्टर्स कोरोना के कारण अपनी जान गवां चुके हैं.

अगर हम अपने कोरोना वॉरियर्स को नहीं बचा पा रहें हैं तो इसपर जल्द ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है.