अकसर ऐसा होता है कि सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद लोग समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेंदारियां भूल जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ़ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने सामाजिक दायित्व को दिलो-जान से निभाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे अफ़सर की कहानी बताने जा रहे हैं, जो न तो कभी कॉलेज गया और न ही कोई कोचिंग ली. फिर भी आईपीएस अफ़सर बना और अब अपने कीमती वक़्त में से दो घंटे निकालकर दूसरे बच्चों का भविष्य संवारने में जुटा हुआ है.
हम बात कर रहे हैं जम्मू कश्मीर के आईपीएस अफ़सर संदीप चौधरी की, जो अपने जैसे तमाम अफ़सरों के लिए मिसाल हैं. वो न तो वक़्त की कमी का रोना रोते हैं और न ही थकान का. मकसद है उनका ऑपरेशन ड्रीम्स. दरअसल, कश्मीर में ऐसे बहुत से छात्र हैं, जो यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, मगर उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वो बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर की मोटी फ़ीस चुका सकें.
ऐसे ही युवाओं की मदद कर रहे हैं संदीप. वो इन्हें मुफ़्त में कोचिंग दे रहे हैं. संदीप ने PTI से बात करते हुए बताया कि वो कभी कॉलेज नहीं गए हैं. उन्होंने B.A. और M.A. की पढ़ाई पत्राचार के ज़रिए की है. इसके बाद भी उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए कोई कोचिंग नहीं ली. उनका कहना है कि सफलता पाने के लिए अच्छे मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, न किसी कोचिंग सेंटर की.
2012 बैच के आईपीएस ऑफ़िसर संदीप ने बताया कि किस तरह उन्होंन ऑपरेशन ड्रीम्स की शुरुआत की. वो कहते हैं कि एक दिन ऐसे ही वो अपने साथी से जम्मू में होने वाले सब-इंस्पेक्टर की पोस्ट की परीक्षा को लेकर बात कर रहे थे. तभी उनके दिमाग़ में छात्रों को कोचिंग देना का आईडिया आया था.
30 मई को उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया था. तब वो अपने ऑफ़िस में ही 10-15 छात्रों को पढ़ाते थे और अब ये संख्या 150 के आस-पास पहुंच गई है. गौर करने वाली बात ये है कि इनमें 25 कश्मीरी लड़कियां भी शामिल हैं. इनकी ये क्लास 23 जून तक चलने वाली है. संदीप की ज़िदादिली से प्रभावित होते हुए एक शख़्स से ने इसके लिए एक वेयर हाउस दे दिया है, जहां अब सभी छात्रों की कक्षा लगती है.
अब छात्र उनसे यूपीएससी, बैंकिंग की कोचिंग देने का आग्रह कर रहे हैं. इसके लिए संदीप अलग से प्लानिंग कर रह हैं. संदीप के इस सराहनीय कदम से न सिर्फ़ छात्रों का भविष्य सुधरेगा, बल्कि कश्मीरियों का भी प्रशासन पर भरोसा भी बढ़ेगा.