ग़ज़लों और किस्सागोई से होते हुए दिल्ली की हवाओं में उर्दू ज़बान की ख़ुशबू फैलने वाली है. दरअसल एक बार दिल्ली के सिर पर उर्दू के सालाना जलसे ‘रेख़्ता’ का ख़ुमार चढ़ने वाला है. बड़े-बड़े शायरों की शायरी से ले कर छोटे-छोटे बच्चों के लिए कहानियों और किस्सों का पिटारा खुलने वाला है. 

इस जश्न में गुलज़ार से ले कर एम. एस. सथ्यू, अब्दुल बिस्मिल्लाह, शर्मिला टैगोर, जावेद सिद्दीकी, प्रेम चोपड़ा के अलावा कई नामचीन हस्तियों को सुनने के साथ ही उनसे बात करने का मौका मिलने वाला है.

इतना ही नहीं, इस बार ‘जश्न-ए-रेख़्ता’ में आपको नए शायरों से भी मुख़ातिब होने का मौका मिलेगा. इससे पहले कि आप भी इस जश्न में शरीक होने का मन बनायें, आपको बता दें कि इसके लिए आपको एक रजिस्ट्रेशन करना होगा.

इससे पहले कि आप रेख़्ता के जश्न में शामिल हों, आपको इसकी पुरानी यादों के सहारे छोड़ कर जा रहा हूं, क्योंकि हमें मिलना भी तो है ‘जश्न-ए-रेख़्ता’ में.