एक ख़बर आई है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नाम के आगे श्री न लगाने पर BSF कॉन्स्टेबल संजीव कुमार की 7 दिन की सैलरी काट दी गयी. 21 फरवरी, पश्चिम बंगाल के नादिया स्थित BSF की 15वीं माहातपुर बटालिन की ये घटना तब घटी, जब जवानों की एक रुटीन ज़ीरो परेड चल रही थी. उस वक़्त संजीव कुमार ने अपनी एक रिपोर्ट में मोदी प्रोग्राम लिख दिया था. श्री नरेंद्र मोदी न लिखने पर उनके सीनियर अधिकारी अनूप लाल भगत ने Under Section 40 of the BSF Act के तहत उनकी 7 दिन सैलरी काट दी.

जब इस ख़बर के बारे में पीएमओ को पता चला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BSF को आदेश देते हुए कहा है कि वो संजीव कुमार की सैलरी न काटे.
Honourable PM had expressed his displeasure and directed @BSF_India to immediately withdraw the punishment.
— BSF (@BSF_India) March 7, 2018

ख़ैर इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि BSF और उसके अधिकारी ने ये फ़ैसला BSF एक्ट के चलते लिया, जो अपनी जगह सही है लेकिन एक बात ये भी ध्यान देने वाली है कि जिस देश में एक जवान को पूजा जाता है, सरहद पर उसकी सेवा को सलाम किया जाता है, उसे इतनी सी बात के लिए इतनी बड़ी सज़ा देना ग़लत है. भले ही BSF के Discipline कोड के हिसाब से ये फ़ैसला लिया गया था, लेकिन इसमें प्रधानमंत्री की अवमानना नहीं थी. प्रधानमंत्री भी ख़ुद को जनता का सेवक कहते आये हैं. इस घटना में जवान ने प्रधानसेवक का अपमान नहीं किया है, इसलिए इस तरह की सज़ा पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही, एक जवान हर दिन मुश्किल हालातों में बिताकर अपने और अपने परिवार के लिए पैसे जुटाता है, इस बात को भी ध्यान में रख कर नियमों पर विचार किया जाना चाहिए.
फ़िलहाल प्रधानमंत्री के आदेश के बाद ऐसी कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है. इसके लिए वो बधाई के पात्र हैं.