जापान के हिरोशिमा नागासाकी के बारे में सुना था कि परमाणु हमले का ऐसा असर हुआ कि वहां जन्मी बाद की पीढ़ियां भी शारिरिक अपंगता की शिकार होती रहीं. लेकिन झारखंड में तो कई परमाणु हमला नहीं हुआ था, फिर यहां के लोग अपंग कैसे होते जा रहे हैं.
झारखंड राज्य के पलामु ज़िले के चुकरु गांव का हर निवासी किसी न किसी तरह के शारीरिक अपंगता का शिकार है. इसकी वजह वहां के पानी में मौजूद फ़्लोराइड को बताया जाता है.
India Times के रिपोर्ट के अनुसार, गांव के निवासी राजेश्वर पाल का कहना है, ‘विशैला पानी उनकी हड्डियों और दातों को नुकसान पहुंचाता है. गांव के कई युवक इसकी वजह से अपनी ज़िंदगी खो चुके हैं.’
राजेशवर पाल ने आगे India Times को बताया, ‘हम 25 साल से इस समस्या को झेल रहे हैं. इस गांव में किसी की उम्र 50 साल से ज़्यादा नहीं है. मेरी उम्र 69 साल है, मैं इस गांव को सबसे उम्रदराज़ व्यक्ति हूं. सरकार कहती है कि हम गांव छोड़ कर चले जाना चाहिए. लेकिन हम लोग दिव्यांग हैं. हम कहीं और कैसे जी पाएंगे?’
कुआं और हैंडपंप के पानी की जांच करने पर पाया गया था कि उसमें फ़्लोराइड मौजूद है. शरीर में फ़्लोराइड की मात्रा बढ़ने से Fluorosis होता है, जिसकी वजह से हड्डियां और दांत कमज़ोर हो जाते हैं. अत्यधिक मात्रा से हड्डियों की संरचना पर भी गंभीर असर पड़ता है.