पिछले तीन दिनों से हॉस्टल फ़ीस समेत तमाम तरह की बढ़ोतरी के बाद छात्रों के भारी विरोध के बाद जेएनयू प्रशासन ने इसमें कटौती करने का फ़ैसला किया है.
बता दें कि फ़ीस बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ JNU के छात्र करीब दो हफ़्तों विश्वविद्यालय प्रशासन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे. छात्र फ़ीस में कटौती करने करने को लेकर सड़कों पर उतर आये थे. इसके चलते जेएनयू के आस-पास की तमाम सड़कें ब्लॉक कर दी गई थीं.
छात्रों के लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद आख़िरकार शिक्षा सचिव आर. सुब्रमण्यम ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि एग्ज़िक्यूटिव कमिटी ने हॉस्टल फ़ीस में वृद्धि और अन्य नियमों से जुड़े फैसलों को वापस ले लिया है. साथ ही छात्रों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील भी की.
#JNU Executive Committee announces major roll-back in the hostel fee and other stipulations. Also proposes a scheme for economic assistance to the EWS students. Time to get back to classes. @HRDMinistry
— R. Subrahmanyam (@subrahyd) November 13, 2019
आर. सुब्रमण्यम साथ ही कहा कि एग्जिक्यूटिव कमिटी की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने से संबंधित योजना का प्रस्ताव भी पेश किया गया है. ग़रीब परिवारों के छात्रों के लिए कई अन्य योजनावों का ऐलान भी किया गया है.
छात्रों के विरोध प्रदर्शन में आज पूरी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी बंद रही. इस दौरान छात्रों का साथ देते हुए प्रोफ़ेसर और यूनिवर्सिटी के दूसरे अन्य कर्मचारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फ़ैसला किया. आज विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच भी जमकर झड़प हुई.
बता दें कि जेएनयू में छात्रावास का किराया 20 रुपये से 30 गुना बढ़ाकर 600 रुपये और मेस का सुरक्षा शुल्क 5,500 रुपये से लगभग दोगुना बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा छात्रों से हर महीने 1700 रुपये अतिरिक्त सेवा शुल्क के रूप में देने को कहा गया है जो छात्र पहले नहीं देते थे. ये साफ़-सफ़ाई और मेंटेनेंस के नाम पर मांगा गया है.