भारतीय रेल देश के तकरीबन 8000 स्टेशन्स से होकर गुज़रती है. अब इतने बड़े रेलवे नेटवर्क पर नज़र रखना कोई आसान काम नहीं, इसलिए इसे 16 ज़ोन्स में बांटा गया है. पिछले 3 वर्षों से एक सर्वे रेलवे मिनस्ट्री करा रही है. इसमें ये देखा जाता है कि स्वच्छता के पैमाने पर कौन-सा स्टेशन कहां ठहरता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि नंबर वन पर देश के टॉप 10 मेट्रो सिटीज़ का एक भी स्टेशन नहीं है.
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Quality Council of India (QCI) द्वारा किए जाने वाले इस सर्वे की इस साल की रिपोर्ट आ गई है. इस बार पहला नंबर हासिल किया है राजस्थान के जोधपुर रेलवे स्टेशन ने. इस लिस्ट में North Western Railway ज़ोन टॉप पर है और North Central Railway ज़ोन निचले पायदान पर.
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वार्षिक राजस्व के हिसाब से भारतीय रेल ने सभी स्टेशनों को A-1, A, B, C, D, E और F में वर्गीकृत किया गया है. जोधपुर A-1 कैटेगरी में नंबर वन पर है. दूसरे नंबर पर जयपुर और तीसरे नंबर पर तिरुपति स्टेशन है. इस कैटेगरी में मथुरा सबसे गंदा रेलवे स्टेशन है.
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वहीं पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस का स्टेशन इस लिस्ट में 65वें स्थान पर है. इस लिस्ट के बारे में बात करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- ‘A श्रेणी के रेलवे स्टेशनों में राजस्थान का मारवाड़ पहले और फुलेरा दूसरे नंबर पर रहा. यूपी का शाहगंज स्टेशन A श्रेणी के तहत सबसे गंदा स्टेशन रहा.’
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गोयल ने बताया कि North Western Railway (एनडब्ल्यूआर) सफ़ाई ज़ोन की सूची में सबसे शीर्ष पर है. उन्होंने कहा, ‘एनडब्ल्यूआर पिछले साल 8वें नंबर पर था. इस साल इसने सूची में पहला स्थान पाया है. ये टीम के बीते एक साल में बेहतरीन तरीके के कार्य को दिखाता है.’
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रेलवे स्टेशनों की स्वच्छता का आंकलन करने के लिए साफ़ शौचालय, स्वच्छ पटरियां व डस्टबिन जैसे कुछ मानक तय किए गए थे. इस लिस्ट के आंकड़ों से ये पता चलता है कि उत्तर भारत की रेल सर्विस टाइमिंग के मामले के साथ ही स्वच्छता के पैमाने पर भी काफ़ी पिछड़ी हुई है.