दिल्ली पुलिस ने 31 जनवरी को ‘सिंघु बॉर्डर’ पर जारी ‘किसान आंदोलन’ को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को अचानक ही गिरफ़्तार कर लिया था. इस दौरान मनदीप को म्यूनिसिपल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जिसके बाद मनदीप तिहाड़ जेल भेज दिया गया. मनदीप के ख़िलाफ़ आईपीसी के सेक्शन 186, 323 और 353 के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं.
इस मामले में 2 फ़रवरी को दिल्ली की रोहिणी ने मनदीप पुनिया को 25 हज़ार के निजी मुचलके पर ज़मानत दी थी. मनदीप ने फिर से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे ‘किसान आंदोलन’ को कवर करना शुरू कर दिया है.
जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत में मनदीप पुनिया ने बताया कि, वो पत्रकारिता के प्रति अपने कर्तव्य को निभाना पहले की तरह जारी रखेंगे. मेरा काम ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्ट लिखना है. मुझे जेल में बंद किसानों से बात करने का मौका मिला. मेरे पैरों पर लिखे ये नोट्स जेल में बंद किसान प्रदर्शनकारियों के नोट्स हैं, जिन्हें मैं जल्द ही अपनी रिपोर्ट में लिखूंगा.
बीबीसी से बातचीत में मनदीप ने कहा कि, मैं उन सभी पत्रकार बंधुओं का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जो मेरे साथ खड़े रहे. हमारे देश को इस वक़्त ईमानदार पत्रकारिता की ज़रूरत है. मगर ऐसे समय में, जब सरकार लोगों से कुछ छिपाना चाह रही हो, तब पत्रकारिता करना मुश्किल हो जाता है. सत्ता को सच का पता होता है, पर वह सच लोगों को पता चलना चाहिए. पत्रकारिता का पेशा, कोई ग्लैमर से भरपूर पेशा नहीं है. ये बड़ा मुश्किल काम है और इस मुश्किल काम को भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में बड़ी ईमानदारी से किया जा रहा है.
बता दें कि मनदीप पुनिया पर ‘सिंघू बॉर्डर’ पर दिल्ली पुलिस के एसचओ से अभद्रता के आरोप लगाए गए हैं. इस दौरान मनदीप को हिरासत में लेने का एक वीडियो भी सामने आया था. इसमें दिख रहा है कि बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मनदीप को घेरे हुए हैं और लेकर जा रहे हैं.
Mandeep Punia being detained by police pic.twitter.com/gHZJ9KtUq0
— Sandeep Singh (@PunYaab) January 30, 2021
अच्छी बात ये है कि मनदीप ने फिर से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे ‘किसान आंदोलन’ को कवर करना शुरू कर दिया है.