विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांजे को लंदन में Ecuadorian दूतावास से गिरफ़्तार कर लिया गया है.
पिछले सात साल से जूलियन असांजे Ecuador के दूतावास में स्वीडेन की गिरफ़्तारी से बचने के लिए शरण लिए हुए थे, उनके ऊपर यौन हिंसा का आरोप लगा था, जिसे बाद में हटा लिया गया.
मौके पर मौजूद पुलिस ने मीडिया को बताया कि उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पण अनुरोध मामले में कोर्ट में सरेंडर ने करने की वजह से गिरफ़्तार किया गया है.
Ecuador के राष्ट्रपति ने कहा कि वो अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन की वजह से जूलियन असांजे से अपने राजनैतिक आश्रय को वापस लेते हैं.
हालंकि विकिलीक्स ने ट्वीट करके कहा है कि Ecuador ‘अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन’ का हवाला देकर ग़ैरक़ानूनी तरीके से जूलियन असांजे से राजनैतिक शरण वापस ले रहा है.
ब्रिटेन के गृह सचिव Sajid Javid ने ट्वीट किया, ‘मैं कंफ़र्म करता हूं कि जूलियन असांजे पुलिस की हिरासत में हैं और सही तरीके से इंग्लैंड के न्याय का सामना करेंगे.’
Nearly 7yrs after entering the Ecuadorean Embassy, I can confirm Julian Assange is now in police custody and rightly facing justice in the UK. I would like to thank Ecuador for its cooperation & @metpoliceuk for its professionalism. No one is above the law
— Sajid Javid (@sajidjavid) April 11, 2019
विकिलीक्स का इतिहास
असांजे ने 2006 में इसकी स्थापना की और इसका मक़सद था गुप्त दस्तावेज़ों और तस्वीरों को छापना. ये सबसे पहले ख़बरों में तब आया, जब उसने चार साल बाद अमरिकी सैनिकों को हैलिकॉप्टर से बैठ कर इराक में आम नागरिकों पर गोली चलाने की वीडियो रिलीज़ की.
47 वर्षिय असांजे 2012 से लंदन में Ecuador को दूतावास में रह रहे थे.
BBC के डिप्लोमैटिक संवादाता James Landale का अनुमान है कि इंग्लैंड की न्यायिक प्रक्रिया से गुज़रने के बाद जूलियन असांजे को अमेरिका हस्तांतरित कर दिया जाएगा.
इंग्लैंड के विदेश मंत्री Sir Alan Duncun ने कहा कि गिरफ़्तारी के बाद दोनों देशों के बीच व्यापक बातचीत हुई है.