देशभर की तरह ही बेंगलुरू में भी हज़ारों मज़दूर घर जाने की आस लिए रेलवे स्टेशन पर जमा हो रहे हैं. कुछ दिनों पहले मज़दूरों का शहर के थानों के सामने इकट्ठे होने के वीडियोज़ भी सामने आये थे. इन सब के बीच एक बहुत ही चौंकाने वाली बात सामने आई है.
हम राज्य सरकार की ज़रूरतों के अनुसार ट्रेनें चलाते हैं. वो जितने ट्रेनों की मांग करते हैं, हम उतनी ट्रेनें चलाते हैं. राज्य सरकार से हमारी अपेक्षा रहती है कि वे 1 हफ़्ते पहले शेड्यूल बता दें. कई बार उनके लिए ये संभव नहीं होता. एक दिन पहले कम से कम शाम के 6 बजे तक उनकी तरफ़ से हमारी पास जानकारी आ जानी चाहिए. कल हमें बुधवार को चलने वाली बिहार की 4, उत्तर प्रदेश की 2 ट्रेनें रद्द करने को कहा गया क्योंकि उनमें पर्याप्ट यात्री नहीं थे.
-ए.के.सिंह
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ए.के.सिंह ने आगे बताया कि गुरुवार को चलने वाली बिहार की 4, उत्तर प्रदेश की 2 और नागालैंड की 1 ट्रेन रद्द करने को भी कहा गया है.
1/n Hundreds of workers gathered at KG Police station tannery road because they were told a train to Bihar is there. No train also no information also. Many of them have no place to go. BBMP is being spoken to , to arrange for shelter. pic.twitter.com/wTcqC7s4FU
— AICCTU Karnataka (@aicctukar) May 27, 2020
2/n Listen to the workers . There are around 600-800 registered to leave at this station. They keep getting sent back and they are sick with stress and anxiety. Some of them did embroidery and handwork and have no jobs now pic.twitter.com/sJbzESbFSk
— AICCTU Karnataka (@aicctukar) May 27, 2020
गोपनीयता की शर्त पर एक एक्टिविस्ट ने The News Minute को बताया,
बीते सोमवार तक बेंगलुरू स्टेशन से रोज़ाना 10-12 ट्रेनें निकल रही थीं. मंगलवार से ट्रेनों की संख्या कम होकर, 3 प्रति दिन रह गई.