जिस फ़िल्म के ख़िलाफ़ पिछले कुछ महीनों से श्री राजपूत करणी सेना ने इतना हंगामा किया, अब उसी करणी सेना का कहना है कि ‘हम प्रशासन की पूरी मदद करेंगे ताकि वो मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के साथ-साथ पूरे देश में फ़िल्म रिलीज़ कर पाएं’. ये घोषणा शुक्रवार को हुई. करणी सेना ने फ़िल्म ‘पद्मावत’ के निर्देशक संजय लीला भंसाली के ख़िलाफ़ जारी अपना विरोध प्रदर्शन, ये कहते हुए वापिस ले लिया कि ‘फ़िल्म पद्मावत, राजपूतों की वीरता को बख़ूबी बयान करती है’.

‘कुछ भी हो जाये, हम इस फ़िल्म को रिलीज़ नहीं होने देंगे”दीपिका की नाक काट कर लाने वाले को 5 करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा”संजय लीला भंसाली ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया है”ये फ़िल्म रानी पद्मिनी और राजपूतों की शान को ग़लत रौशनी में दर्शाती है’ ‘जो हॉल ये फ़िल्म दिखायेगा, उसको जला डालेंगे’

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामदी के निर्देश पर कुछ सदस्यों ने शुक्रवार को मुंबई में फ़िल्म पद्मावत देखी, जिसके बाद उन्होंने पाया कि यह फ़िल्म हर राजपूत की वीरता और उनके बलिदान का गुणगान करती है. उन्होंने माना कि दिल्ली सल्तनत के शासक अलाउद्दीन खिलजी और मेवाड़ की रानी पद्मिनी के बीच ऐसा कोई आपत्तिजनक दृश्य नहीं है, जो राजपूतों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए.

पद्मावती से पद्मावत बनी ये फ़िल्म 25 जनवरी को भारी सुरक्षा के बीच पहले ही देश भर में रिलीज़ हो चुकी है. लेकिन गुजरात और हरयाणा में विरोध प्रदर्शन को नज़र में रखते हुए, कई सिनेमा हॉल इसे दिखाने से बच रहे हैं. जिन राज्यों ने फ़िल्म पर बैन लगाया था, उन्हें भी सर्वोच्च न्यायालय रिलीज़ करने का आदेश दे चुकी है. चलिए, अब तो उम्मीद करी जा सकती है कि इसमें कोई रुकावट सामने नहीं आएगी और दर्शक बेफ़िक्र हो कर पद्मावत देखने जा सकते हैं.