27 साल का वो दर्द, जो कश्मीरी पंडितों ने झेला था, वो अब ज़्यादा दिनों तक नहीं रहेगा. दरअसल, जम्मू और कश्मीर विधानसभा ने घाटी में कश्मीरी पंडितों और अन्य प्रवासियों की वापसी के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया. इस संकल्प को वहां की सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया है.
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इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विधानसभा को कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए एक संकल्प पारित करना चाहिए.
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वहीं, इस फ़ैसले पर वरिष्ठ कलाकार अनुपम खेर ने कश्मीरी पंडितों के लिए एक कविता शेयर की है. ‘फैलेगा हमारा मौन’ नामक एक शीर्षक से इस कविता में खेर ने पंडितों के दर्द को बयां किया है.
बता दें कि कश्मीर पंडितों की घाटी में वापसी के लिए कई सालों से मांग उठाई जाती रही है, प्रस्ताव पास करने के साथ ही यह भी कहा गया कि कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में अनुकूल माहौल बनाया जाएगा, ताकि वह आराम से रह सकें.