मम्मी ये क्या बनाया है मुझे नहीं खाना, ठीक फिर इसे गाय को डाल दो.
कितनी दफ़ा ऐसा हुआ होगा जब घर पर बना खाना किसी गरीब को या जानवर को दे दिया जाता है. बचपन से लेकर अब तक मैंने यही सुना है कि किसी भूखे को खाना खिलाने से ज़्यादा नेक काम कोई नहीं हो सकता. वहीं केरल से आई ये ख़बर जानने के बाद मन में एक बैचेनी सी हो रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पलक्कड़ ज़िले के लोगों ने एक 27 वर्षीय युवक की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी. दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इस बेकसूर शख़्स का कसूर सिर्फ़ इतना था कि इसने पापी पेट भरने के लिए एक दुकान से थोड़े से चावल चुरा लिए थे. चावल चोरी के इल्ज़ाम में भीड़ ने पीट-पीट कर युवक की हत्या कर दी. इतना ही नहीं, इस दौरान वहां मौजूद लोग उसकी मदद करने के बजाए, सेल्फ़ी ले रहे थे और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे थे.

घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस शख़्स को कोट्टाथारा स्थित आदिवासीयों के लिए बने विशेष अस्पताल ले जा रही थी, लेकिन उसकी हालत इतनी ख़राब थी कि उसने वहां पहुंचने से पहले ही जीप में दम तोड़ दिया. वहीं इस मामले में पुलिस ने करीब 15 लोगों के खिलाफ़ हत्या के प्रयास के तहत मुक़दमा दर्ज किया है.
Kerala: Man dies after being tied up and thrashed by a mob in Palakkad district, people also took selfies after tying him up. Police register case pic.twitter.com/GGqisFy6Ve
— ANI (@ANI) February 23, 2018
सच में इस घटना ने इंसानियत पर से विश्वास ही उठाया दिया. आम जनता तो छोड़िए, उनकी मसीहा बनने वाली मीडिया भी इस दर्दनाक घटना को सिर्फ़ खाना पूर्ति करने के लिए दिखा रही है, जैसे इस ख़बर पर इंडिया टुडे ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि इस शख़्स को इसलिए मार दिया गया, क्योंकि वो एक आदिवासी था. काफ़ी शर्म की बात है कि ऐसे संवेदनशाली मुद्दे पर इंडिया टुडे ने एक असंवेदनशील ट्टीट किया. फ़िलहाल उनकी वेबसाइट से उस ट्वीट हटा दिया गया है.
धन्य हैं वो लोग जिन्हें चावल से सस्ती इंसान की जान लगती है, दूसरे वो जिन्हें मरते हुए इंसान की जान बचाने से ज़्यादा ज़रूरी सेल्फ़ी लेना लगता है और तीसरी वो मीडिया जो इतनी बड़ी ख़बर को काफ़ी हल्के में पेश कर रही है.