भारत कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश में लगा हुआ है. उसी कोशिश में हर राज्य भी अपने- अपने स्तर पर जनता की इस मुश्किल घड़ी में मदद कर रहा है. ऐसी ही एक कोशिश में केरल सरकार उन बच्चों की पढ़ाई पर भी ध्यान दे रही हैं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है.  

केरल सरकार ने सभी स्कूलों को 1 जून से ऑनलाइन क्लासेज़ लेने का आदेश दिया था. लेकिन General Education System द्वारा करवाई गई एक स्टडी के अनुसार, 2.6 लाख से ज़्यादा बच्चों के पास इंटरनेट की कोई सुविधा नहीं है. जिसके चलते सरकार इन क्लासेज़ को ऑफ़लाइन भी मोहिया करवाएगी. 

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PTI के मुताबिक़, केरल के राज्य शिक्षा विभाग ने ‘First Bell’ नाम से ऑनलाइन सत्र शुरू किया है. न केवल ये क्लासेज़ ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, बल्कि यह सप्ताह के दिनों में, कक्षा 1 से 12 तक सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक VICTERS TV चैनल के माध्यम से प्रसारित भी किया जाएगा. ये चैनल पूरे राज्य में इंटरनेट और डायरेक्ट-टू-होम केबल नेटवर्क पर मुफ़्त में उपलब्ध होगा.  

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बोला की वो एक Neighbourhood Study Centre खोलने का भी आदेश दिया है. ये सेंटर राज्य में उन जगहों पर खोला जाएगा जहां पर बच्चों के पास इंटरनेट सेवा से पढ़ने का साधन नहीं होगा.  

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ये स्टडी सेंटर्स क्लासरूम की ही तरह होंगे मगर इनमें बड़ी संख्या में बच्चे आ सकेंगे. इन सेंटर्स में टीवी के माध्यम से Victers Channel का प्रसारण होगा. इस काम के लिए इलाकों के बड़े-बड़े हॉल जल्द ही सेंटर में बदले जाएंगे.  

इस पर सार्वजनिक निर्देश निदेशक (DPI) के जीवन बाबू का कहना है,  

“हमने ये काम कक्षा शिक्षकों या प्रिंसिपल पर सौंपा है कि वो सुनिश्चित करें कि छात्रों के पास टीवी या स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा हो. यदि इनमें से कुछ न हो तो वे बच्चों को उसी समय या बाद में पढ़ाने का कोई दूसरा विकल्प देखें.”  

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केरल इंफ़्रास्ट्रक्टर एंड टेक्नोलॉजी फ़ॉर एजुकेशन (KITE) ने इन क्लासेज़ के लिए टाइम टेबल बनाया है.  

पहले सप्ताह में कम से कम 1.2 लाख लैपटॉप, 7,000 से अधिक प्रोजेक्टर और लगभग 4,545 टीवी पहले से ही छात्रों को पढ़ाने के लिए दिए जा चुके हैं.  

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शिक्षा विभाग ने ये भी कहा है कि पहले हफ़्ते हम इसका ट्रायल कर रहे हैं और यदि किसी की क्लास छूट भी जाए तो घबराए नहीं क्योंकि ये 8 जून यानि अगले हफ़्ते दोबारा रिपीट की जाएंगी. 

विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों ने केरल के दलित कॉलोनियों और आदिवासी इलाकों में डिजिटल कक्षा भी तैयार की है.