जाके राखो साईयां मार सके न कोई 

बीते रविवार को केरल के इदुक्‍की ज़िले में 1 साल की एक बच्‍ची ने इस कहावत को जीवंत कर दिया. 

घटना रात के लगभग 9:30 बजे की है. केरल के इदुक्‍की का एक परिवार तमिलनाडु के पलानी मंदिर में दर्शन करके जीप से घर लौट रहा था. इस दौरान 1 साल की छोटी बच्ची रोहिता अपनी मां सत्‍यभामा की गोद में सो रही थी. इस दौरान मां की आंख लग गई और बेबी रोहिता चलती जीप से सड़क पर गिर गई.   

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जब ये परिवार घटनास्‍थल से करीब 40 किलोमीटर दूर अपने घर मुलारीकुडी पहुंचे तो पता चला कि बच्‍ची रोहिता गायब है. इसके बाद उन्होंने फौरन वेल्‍लाथूवल पुलिस को इसकी जानकारी दी. इसके बाद वेल्‍लाथूवल पुलिस ने तुरंत प्रभाव से सभी थानों को इसकी सूचना दे दी. 

इस बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि वो जंगल के जिस इलाके में गिरी थी वहां वन विभाग की एक चेक पोस्‍ट थी. इस दौरान पुलिस ने यहां भी बच्ची के खोने की सूचना पहुंचा दी. चेकपोस्‍ट पर मौजूद वन्‍य कर्मचारियों हरक़त में आए और बच्ची की खोजबीन में लग गए. कुछ ही देर बाद उन्हें बेबी रोहिता चेकपोस्‍ट के पास ही सड़क पर सही सलामत पड़ी मिली. 

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इसके बाद वन्‍य कर्मचारियों ने रात के करीब 10 बजे ‘मन्‍नार वाइल्‍ड लाइफ़ वॉर्डन’ आर लक्ष्‍मी को इसकी जानकारी दी. जीप से गिरने के कारण बच्‍ची के माथे और हाथों पर चोट लग गई थी. इसके बाद बच्ची को मन्‍नार के टाटा टी अस्‍पताल में भर्ती करा दिया 

आर लक्ष्‍मी ने बताया कि, जब हमने सीसीटीवी फ़ुटेज देखी तो पता चला कि वो किसी जीप से गिरी है. हमने सीसीटवी फ़ुटेज में दिखा कि बच्‍ची सड़क पर अंधेरे की ओर न जाकर रोशनी की तरफ़ रेंगती हुई जा रही है. 

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सौभाग्‍य से बच्‍ची रोशनी की तरफ़ रेंगकर आ गई. अगर वो दूसरी दिशा में जाती तो खाई में गिर जाती. इस रास्‍ते पर अकसर जंगली जानवर भी गुजरते हैं, इनमें जंगली हाथी भी शामिल हैं. 

इसके बाद हमने मन्‍नार पुलिस स्‍टेशन और कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी. रात करीब 1:30 बजे बच्‍ची को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया.