महिलाओं के लिए सौंदर्य के कुछ पैमाने इस समाज ने तय कर दिए हैं. जैसे लंबे बाल, पतला शरीर वगैरह वगैरह.


उन तमाम पैमानों को चुनौती दी है केरल की सीनियर सिविल ऑफ़िसर अपर्णा लवाकुमार ने. The News Minute की रिपोर्ट के मुताबिक़ 46 वर्षीय पुलिसकर्मी ने बीते मंगलवार को अपने सिर के बाल हटा लिए. 

अपर्णा ने ये क़दम कैंसर मरीज़ों को समर्थन दिखाने के लिए उठाया. अपर्णा ने कैंसर अस्पताल को अपने घुटने तक के बाल डोनेट कर दिए.  

The News Minute से बात करते हुए अपर्णा ने कहा, ‘कीमोथेरेपी के बाद बाल खोना बेहद दर्दनाक हो सकता है. मैं बाल उतरवा के उन्हें समर्थन दिखाना चाहती थी और सिर पर बाल न होने को नॉर्मल बनाना चाहती थी.’


दो बच्चों की मां अपर्णा, थ्रिस्सूर के महिला पुलिस स्टेशन में काम करती है. जागरुकता अभियान के दौरान एक 5वीं में पढ़ रहे एक कैंसर मरीज़ से मिलने के बाद अपर्णा ने ये निर्णय लिए.  

ये बच्चे बाल न होने के कारण Bullying का शिकार होते हैं. बीमारी से संघर्ष और ट्रीटमेंट के दर्द के अलावा उनके क्लासमेट्स के ताने, घूरती निगाहें दर्द को बढ़ा देते हैं.

-अपर्णा

अपर्णा ने अपने इस कार्य की पब्लिसिटी न करने का निर्णय लिया था पर लोकल पार्लर ने फ़ेसबुक पर उनकी तस्वीर डाल दी. 

मैंने पहले भी अपने बाल डोनेट किए थे, पर मैंने कंधे तक बाल रखकर बाक़ी डोनेट किए थे. इस बार मैं पूरी तरह से उनकी मदद करना चाहती थी. मेरे लिए लुक्स उतना मायने नहीं रखते.

-अपर्णा

थ्रिसूर के रूरल डिस्ट्रिक्ट पुलिस चीफ़, एन. विजयकुमार आईपीएस ने उन्हें बाल मुंडवाने की अनुमति दी और उनके इस क़दम की तारीफ़ भी की. 

एन.विजयकुमार ने The News Minute को बताया,

‘यूनिफ़ॉर्म को लेकर केरल पुलिस Manual के कुछ नियम हैं. आप दाढ़ी नहीं बढ़ा सकते और न ही सिर मुंडवा सकते हैं, जब तक कोई ठोस कारण न हो. अपर्णा का एक्शन काफ़ी पॉज़िटिव था और मैंने उसे परमिशन दे दी. मैंने ये पहली बार देखा है कि किसी ऑफ़िसर ने किसी अच्छे Cause के लिए अपने बाल डोनेट किए हों. ये सराहनीय है.’

अपर्णा ने 2008 में प्राइवेट अस्पताल से एक मृत शरीर को रिलीज़ करवाने के लिए अपने सोने के कंगन दे दिए थे क्योंकि परिवार के पास उतने पैसे नहीं थे.