दुनिया के किसी भी कोने में ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए पहुंच जाने वाली संस्था है खालसा एड. ब्रिटेन की इस संस्था ने मानवता के लिए जो अभूतपूर्व कार्य किए हैं उसके चर्चे पूरी दुनिया में हैं. इस संस्था को अब कनाडा के दो सांसदों ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है.
युद्ध हो या प्राकृतिक आपदा या फिर और किसी समस्या से परेशान लोग खालसा एड संस्था लोगों की हर संभव मदद के लिए तैयार रहती है. इसके स्वयंसेवक लोगों की सेवा करने के लिए हमेशा आगे खड़े रहते हैं. संस्था के इसी सेवा भाव से प्रभावित होकर कनाडा के दो सांसद टिम उप्पल और परबमीत सिंह ने खालसा एड को नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के लिए नामित किया है. टिम उप्पल ने सोमवार को ट्विटर पर इसकी घोषणा की.
For over 20 years @Khalsa_Aid has been helping people in desperate situations around the world. In my capacity as a federal Member of Parliament and with the support of @PrabSarkaria and @patrickbrownont, I am nominating Khalsa Aid for a Nobel Peace Prize. pic.twitter.com/J2yApsWfhd
— Tim S. Uppal (@TimUppal) January 17, 2021
खालसा एड की स्थापना 1999 में भारतीय मूल के रविंदर सिंह ने की थी. तब से संस्था मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करती आ रही है. खालसा एड ब्रिटेन के अलावा, भारत, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है. इस बारे में बात करते हुए खालसा एड ने कहा कि वो नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किए जाने से बहुत विनम्र महसूस कर रही है.
वहीं दूसरी तरफ भारत में खालसा एड को लेकर काफ़ी विवाद चल रहा है. खालसा एड पर भारत में खालिस्तानी आतंकवादियों से संबंध रखने का आरोप है और एनआईए उसकी जांच कर रही है. इस संस्था ने देश में चल रहे किसान आंदोलन को भी सपोर्ट किया है. इसने किसानों को खाने-पीने की सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर में इन्होंने किसान मॉल की भी स्थापना की है.