किसी का दर्द आप बस देख सकते हैं, कुछ हद तक महसूस कर सकते हैं, पर झेल नहीं सकते. कुछ दर्द आप पैसों से दूर कर सकते हैं, पर बहुत जगह पैसे होने के बावजूद भी आप बेबस हो जाते हैं.

ऐसे ही हालात के आगे बेबस है थाईलैंड का रहने वाला चार साल का Kittipat Jintana. Kittipat जब डेढ़ साल का था, तो उसके पेट में भयंकर दर्द रहता था. Kittipat की मां इस चीज़ को नज़रअंदाज़ करती रही. जब तक Kittipat, 3 साल का हुआ तब तक उसके पेट का दर्द कैंसर की तीसरी स्टेज पर था.

काफ़ी इलाज के बावजूद इस मासूम के पेट का ट्यूमर बढ़ता गया, सा​थ में इसका दर्द भी. ट्यूमर की वजह से Kittipat न चल पाता है, न ही टॉयलेट में बैठ पाता है. इस बच्चे को सांस लेने में भी तकलीफ़ होती है.

इस बच्चे के घर वालों की हालत वित्तीय रुप से काफ़ी खराब है, जिसका असर इसके इलाज में भी दिख रहा है. फिलहाल इसके मां-बाप अलग हो चुके हैं, बच्चे की देख-रेख इसकी आंटी Pensiri Saenghiran कर रही हैं.

Saenghiran का कहना है कि-

Kittipat काफ़ी दर्द में है. मैं उसका इलाज करा रही हूं, लेकिन बच्चे की हालत ख़राब होती जा रही है. मैं कोशिश कर रही हूं कि कोई विशेषज्ञ इसका इलाज करे. इसके मां-बाप अलग हो चुके हैं और वो इसकी देख-रेख नहीं कर पा रहे हैं. हम चाह रहे हैं कि वो ये ज़िम्मेदारी उठा लें, पर ऐसा हो नहीं सकता.

Kittipat को आर्थिक मदद मिल रही है. थाईलैंड के सबसे बड़े वोलंटरी रेस्क्यू फाउंडेशन की तरफ़ से उसे 20,000 THB यानि करीब 40 हज़ार रुपये मिले हैं. इसके अलावा इस बच्चे की मदद के लिए कई लोग डोनेशन दे रहे हैं.

Get Well Soon Kittipat.