दिल्ली से गुरुग्राम जाने वाले लोगों को अच्छे से पता है कि वो रोज़ ट्रैफ़िक में कितना टाइम बिताते हैं. अगर आप गुरुग्राम में काम कर रहे किसी आदमी से पूछें कि वो कहां रहता है, तो वो कहेगा, ‘ट्रैफ़िक में’. वैसे इस ट्रैफ़िक से किसी का भला नहीं हुआ, लेकिन पहली बार इसकी वजह से एक आदमी को किडनैप कर ले जा रहे गुंडों की हालत टाइट हो गयी, और ऐसी टाइट हुई कि उन्हें उसको वहीं छोड़ना पड़ा.

बात यूं थी कि Kherki Daula के टोल प्लाज़ा पर एक Mercedes चलाता हुआ आदमी आया, उसके पास न तो असली ड्राइविंग लाइसेंस था और ऊपर से वो बूथ मैनेजर के लाख बोलने पर टोल के 60 रुपये देने को तैयार नहीं हुआ. जब उसकी बहस ज़्यादा बढ़ गयी, तो वो वापस चला गया.

थोड़ी देर में वो कुछ 15 लोगों के साथ लौटा और बन्दूक की नोक पर उसने बूथ मैनेजर, मनोज कुमार को उसी गाड़ी में बैठाया और उसे लेकर चले गए. आधे रास्ते में ही उन्होंने उसके साथ बहुत मार-पीट की.
Kherkidaula toll plaza official being beaten mercilessly near toll plaza. pic.twitter.com/4FAJ21B66C
— abhishekbehl (@abhishekbehl) February 16, 2017
वो थोड़ी दूर ही चले थे कि ट्रैफ़िक में फंस गए और पुलिस के उनको पकड़ने के डर से उन्होंने मनोज को वहीं उतार दिया.

अपने साथ हुए इस वाकये से सकपकाए हुए मनोज बताते हैं, ‘कि ट्रैफिक में फंसने से जैसे ही उन्हें लगा कि अब वो पकड़े जाएंगे, एक ने कहा कि इसे गोली मार दो. फिर दूसरा बोला कि इसके पैर में गोली मार दो. और मैं अपनी पत्नी, तीनों बच्चों के बारे में सोच रहा था, मेरी लाइफ़ का हर एक पल मेरे सामने आ गया था. मैं बिलकुल चुप था, कुछ नहीं बोल पाया.”
इससे पहले भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई बूथ मैनेजर्स को या तो ऐसी ही किसी अनबन में गोली मार दी गयी, या फिर उन्हें किडनैप कर लिया गया. इनके साथ ऐसा सिर्फ़ इसलिए होता है, क्योंकि ये लोग ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं. कम से कम सरकार को इनकी सुरक्षा के लिए कुछ इंतज़ाम तो करने चाहिए या यूं ही ट्रैफ़िक के भरोसे ये लोग अपनी जान बचने के लिए दुआ मांगते रहेंगे? हर किसी की किस्मत मनोज कुमार सी नहीं होती.
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