ISIS किस तरह से आने वाली पीढ़ी का ब्रेन वॉश कर रहा है, इसकी एक नई बानगी सामने आई है. पूर्वी मोसुल के एक स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों की किताबों में बंदूकें, राइफल और टैंक की तस्वीरों से बच्चों को गणित सिखाया जा रहा है
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह किताब अल मुथाना जिले के एक स्कूल में पाई गई है जो पूर्वी मोसुल में स्थित है.

इस किताब में मैथ्स के सवाल और जवाबों को एके 47 राइफल्स, ISIS के झंडे, टैंक्स और मिलिट्री विमानों की तस्वीरों के सहारे समझाने की कोशिश की गई है. स्कूल पर ISIS के आतंकियों का कब्ज़ा है और ये किताबें इन्हीं लोगों के आदेश पर स्कूल में बच्चों को पढ़ाई जाती हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले भी IS की ऐसी किताबें ऑनलाइन वायरल हुई हैं, जिनमें बच्चों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश की जाती थी.
#Raqqa this is how #ISIS want to tech the kids Mathematics a photo from the math book of #ISIS #Syria #ISIL pic.twitter.com/UNSXozMGPr
— الرقة تذبح بصمت (@Raqqa_SL) November 2, 2015
इराक में भी ISIS अपने प्रोपैगेंडा के सहारे बच्चों का ब्रेनवॉश करने के लिए कुख्यात है. इराक में इन बच्चों को स्कूली शिक्षा में बम बनाना सिखाया जाता है.
Pages from #ISIS mathematics book in #Syria & #Iraq schools
📷 pic.twitter.com/AgjjeRJTJP— Mete Sohtaoğlu (@metesohtaoglu) November 6, 2015
निकिता मलिक काउंटर एक्स्ट्रीमिस्म थिंक टैंक क्वीलियम से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने बताया कि इन बच्चों का ब्रेन वॉश तीन प्रक्रियाओं से होकर गुज़रता है.

उन्होंने बताया कि सबसे पहले ये लोग बच्चों के दिमाग में हिंसा को एकदम सामान्य प्रक्रिया बनाते हैं और फिर कत्ल और सिर काटने जैसी जघन्य घटनाओं से ये इन बच्चों को रूबरू कराते हैं और इसके बाद ये लोग उन्हें शारीरिक ट्रेनिंग के सहारे अपनी लड़ाई के लिए तैयार करते हैं.

ये लोग बच्चों को पूंजी के तौर पर देखते हैं और इनमें अच्छा खासा निवेश करते हैं ताकि ये आतंकी इन बच्चों को खालिस ISIS सैनिक बना सकें. इस थिंक टैंक के अनुसार, ISIS अब कई शरणार्थी बच्चों को अपने साथ शामिल करने की योजना बना रहा है, इसलिए वो यूरोप की तरफ भी कदम बढ़ा चुके हैं.