किन्नरों को लेकर हमारे समाज में बड़ी मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिलती है. कुछ के लिए उनका अस्तित्व सिर्फ़ ताली बजाने तक सीमित है, तो कुछ उन्हें खुशियों का संदेशवाहक मानते हैं. पर अब एक उनका कद बढ़ने वाला है क्योंकि प्रयागराज में होने वाले कुंभ में उन्हें वो सम्मान मिलने वाला है जिसके वो हमेशा से हक़दार थे.

दरअसल, प्रयागराज में शुरू होने वाले कुंभ मेले में अब जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़ा भी हिस्सा लेगा. इस बात की पुष्टि मौजगिरि आश्रम में शनिवार देर रात तक चली चर्चा और पूजा-पाठ के बाद, दोनों अखाड़ों के प्रमुखों ने की है. इसके अलावा दोनों अखाड़े 15 जनवरी को शाही स्नान में भी मौजूद रहेंगे.
किन्नर अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने Times Now News को बताया, ‘हम इसका हिस्सा बनकर बहुत ख़ुश हैं. ये एक ‘लिंग-भेद से परे अखाड़ा’ है. मगर समाज में हमारी स्वीकृति को लेकर अभी भी हमारा संघर्ष जारी है. साथ ही बताया जूना और किन्नर अखाड़ा एक हुए हैं. हमारे अखाड़े ने जो भी आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और महंत जैसे पद दिए हैं वो बरकरार रहेंगे. हमारा अखाड़ा जूना के सारे नियमों को मानेगा.’

इसके अलावा किन्नर अखाड़ा के सचिव पवित्र ने कहा, ‘हम सब दो साल से प्रयागराज कुंभ का हिस्सा बनना चाहते थे. आज हम यहां आम जनता और तीर्थयात्रियों के समर्थन से आ गए हैं. हमारी ख़्वाहिश सबकी आंखों में हमारे लिए सम्मान और प्यार देखना है.’
Prayagraj: ‘Kinnar Akhara’ is participating in #KumbhMela2019 for the first time. Pavitra, Secretary of ‘Kinnar Akhara’, says, “Public & all the devotees who are here have supported us & shown lot of respect for us. We are happy that people here have accepted us.” pic.twitter.com/7cHRV8Bkkm
— ANI UP (@ANINewsUP) January 11, 2019
आगे आपको बताते चलें कि उनको ये सौभाग्य आसानी से नहीं मिला है. इस अखाड़े को शुरू में कुछ विरोधों का सामना करना पड़ा था, लेकिन इन लोगों ने सारी मुसीबतों के बाद सफलता पा ही ली.
ग़ौरतलब है कि प्रयागराज में अर्ध कुंभ मेला 14 जनवरी से शुरू होगा और 3 मार्च तक त्रिवेणी संगम- गंगा, यमुना, और सरस्वती नदी के पवित्र संगम पर जारी रहेगा.
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