मोदी सरकार के नए ‘कृषि क़ानूनों’ के ख़िलाफ़ पिछले 4 हफ़्तों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन का आज 27वां दिन है. किसानों ने आज 1 दिन के भूख हड़ताल का ऐलान किया है. इस बीच केंद्र सरकार ने फिर से किसानों को बातचीत का न्योता भेजा है.
Delhi: As farmers’ protest against Centre’s three farm laws enters 26th day at Singhu border (Delhi-Haryana border), farmers say they’ll sit on relay hunger strike from today
— ANI (@ANI) December 21, 2020
“Everyday 11 farmers will sit on hunger strike for 24 hours,” says Balwant Singh, Secretary, BKU Punjab pic.twitter.com/hHarNjpRNE
केंद्र सरकार ने दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को रविवार को फिर से बातचीत का न्योता भेजा है. इस दौरान सरकार ने कहा है कि बातचीत के लिए किसान अपनी सुविधानुसार तारीख़ तय कर सकते हैं. ‘केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय’ के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने इस संदर्भ में किसानों के संगठनों को एक पत्र भी लिखा है.
सोमवार को गाज़ियाबाद के एसपी सिटी, एडीएम किसानों से मिलने पहुंचे और उनसे बातचीत भी की. इस दौरान किसानों का आरोप था कि उनके समर्थकों के ट्रैक्टरों को रोका जा रहा है. प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि व्हीकल ब्लॉक करने के मुद्दे को निपटाया जाएगा, इसके अलावा सफ़ाई, मोबाइल चार्जिंग समेत अन्य मुद्दों पर प्रशासन सहायता करेगा.
आज पंजाबी सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ फिर आंदोलन में शामिल होने दिल्ली के ‘गाज़ीपुर बॉर्डर’ पर पहुंच सकते हैं.
बता दें कि बीते रविवार को किसानों ने ऐलान किया था कि सोमवार को वो 1 दिन का भूख हड़ताल के साथ ही 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में राजमार्गों पर टोल वसूली को मुफ़्त करने का ऐलान भी किया था.
‘भारतीय किसान यूनियन’ के नेता राकेश टिकैत ने लोगों से 23 दिसंबर को ‘किसान दिवस’ के मौके पर 1 दिन का उपवास रखने की अपील की है.
‘स्वराज इंडिया’ प्रमुख योगेंद्र यादव ने ‘सिंघू बॉर्डर’ पर मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘सोमवार को सभी प्रदर्शन स्थलों पर किसान 1 दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे. इसकी शुरुआत यहां प्रदर्शन स्थलों पर 11 सदस्यों का एक दल करेगा’.
गौरतलब है दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान कड़ाके की सर्दी में बीते क़रीब चार हफ़्तों से नए ‘कृषि क़ानूनों’ को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं.