रिशेपसनिस्ट- सर क्या आप इंडिया से हैं? क्या आप एक हिन्दू हैं?

किशोर.वी.मारिवाला- जी पर आप ये क्यों पूछ रही हैं?

रिशेपसनिस्ट ने अपने मैनेजर को फ़ोन किया. वो बाहर आया और रिशेपनिस्ट और मैनेजर ने थाई भाषा में कुछ बातें की. 

इस के बाद मैनेजर किशोर.वी.मारिवाला की तरफ़ मुड़ा और उसने कहा,

‘सर एक को छोड़कर हमारे सारे Skippers दूसरे Yachts के साथ गये हैं. जो Skipper है वो एक मुस्लिम है. मुझे उम्मीद है कि इससे आपको कोई समस्या नहीं होगी.’  

इतना सुनते ही मारिवाला को ज़ोरदार झटका लगा. मारिवाला सेलिंग हॉलिडे पर 1 हफ़्ते के लिए फ़ुकेत, थाईलैंड गये थे. वहां पहुंचने के बाद वे एक चार्टरिंग कंपनी के दफ़्तर में अरेंजमेंट्स को फ़ाइनलाइज़ करने गये जहां ये वाक़्या हुआ.


मैनेजर की बात सुनकर, मारिवाला ने कहा, 
‘आप ये क्यों पूछ रहे हैं? मुझे परेशानी क्यों होगी?’  

मैनेजर ने कहा, 
‘सर, हमने अख़बारों में पढ़ा है कि हिन्दू, मुस्लिमों को अपने आस-पास देखना नहीं चाहते इसलिये हमें फ़िक्र थी.’ 

मारिवाला को इस पूरे वाक़्ये से हद से ज़्यादा शर्मिंदगी महसूस हुई. मारिवाला ने मैनेजर को समझाया कि न सिर्फ़ वो बल्कि कई संस्कारी हिन्दू वैसा व्यवहार नहीं करते जैसा उन्होंने पढ़ा है.


मारिवाला ने एक फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिये पूरा वाक़या शेयर किया-  

मारिवाला मारिको के बोर्ड मेम्बर रह चुके हैं. इस फ़ेसबुक पोस्ट के साथ उन्होंने एक बहुत ही अहम सवाल उठाया है, कि आख़िर हम बाहर के लोगों के सामने किस तरह का उदाहरण पेश कर रहे हैं. बाहर के लोगों के सामने हमारी हैसियत क्या है? 

इस पोस्ट को अब तक 3.5 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स और 4.3 हज़ार से ज़्यादा शेयर्स मिल चुके हैं.

मारिवाला के पोस्ट पर लोगों की प्रतिक्रिया-